संत प्रेमानंद महाराज को जान से मारने की धमकी, सतना के युवक ने कहा- गला काट दूंगा

प्रेमानंद महाराज के उस वायरल वीडियो से जुड़ा है जिसमें उन्होंने युवाओं को नैतिक और मर्यादित जीवन जीने की सलाह दी थी. वीडियो में उन्होंने बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड, ब्रेकअप और पैचअप की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई थी.

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संत प्रेमानंद महाराज को जान से मारने की धमकी मिली है- (File Photo: ITG) संत प्रेमानंद महाराज को जान से मारने की धमकी मिली है- (File Photo: ITG)

वेंकटेश द्विवेदी

  • सतना/वृंदावन. ,
  • 02 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:05 PM IST

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज को जान से मारने की धमकी देने वाले सतना निवासी युवक की सोशल मीडिया पोस्ट से विवाद खड़ा हो गया है. युवक ने फेसबुक पर एक टिप्पणी में संत का "गला काटने" की बात कही, जो तेजी से वायरल हो गई. इस आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर रीवा और सतना जिलों के श्रद्धालुओं व सामाजिक संगठनों ने तीखा विरोध जताया है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड पर कमेंट से नाराज है युवक
पूरा मामला प्रेमानंद महाराज के उस वायरल वीडियो से जुड़ा है जिसमें उन्होंने युवाओं को नैतिक और मर्यादित जीवन जीने की सलाह दी थी. वीडियो में उन्होंने बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड, ब्रेकअप और पैचअप की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई थी. इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए सतना निवासी शत्रुघ्न सिंह नामक युवक ने गुरुवार को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "मेरे घर के बारे में बोलता तो प्रेमानंद होता या कोई और, मैं उसका गला काट देता."

यह पोस्ट वायरल होते ही धार्मिक और सामाजिक संगठनों में आक्रोश फैल गया. सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस अभद्र टिप्पणी की निंदा करते हुए संबंधित युवक पर FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने की मांग की है.

वहीं, इस मामले में सतना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने कहा है कि फिलहाल इस विषय में कोई औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. यदि शिकायत मिलती है तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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संगठनों का कहना है कि संतों के प्रति इस प्रकार की घृणित टिप्पणी समाज में वैमनस्य फैलाने वाली है और इस पर प्रशासन को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए.

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज अक्सर अपने प्रवचनों के कारण सोशल मीडिया पर चर्चा में रहते हैं. हाल ही में एक प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि जो लोग अपने सभी ज़िम्मेदारियों और कामकाज को छोड़कर केवल भक्ति में लग जाना चाहते हैं, वे सच्चे भक्त नहीं बल्कि आलसी और कामचोर होते हैं. संत प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट किया, "भगवान की भक्ति जरूरी है, लेकिन उससे भी अधिक जरूरी है अपने सांसारिक कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना."

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