'मुझे धमकाने के इरादे से नारे नहीं लगाने दूंगी...', CSP हिना खान की वकील अनिल मिश्रा को दो टूक, फिर बोलीं- जय श्री राम, जय जय श्री राम

MP के ग्वालियर में CSP हिना खान और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मिश्रा के बीच तीखी बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस दौरान मुस्लिम पुलिस अधिकारी हिना खान ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए स्पष्टता और निडरता का परिचय दिया.

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ग्वालियर में CSP हिना खान ने लगाए जय श्री राम के नारे.(Photo:Screengrab) ग्वालियर में CSP हिना खान ने लगाए जय श्री राम के नारे.(Photo:Screengrab)

सर्वेश पुरोहित

  • ग्वालियर,
  • 15 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST

''जय श्रीराम... जय श्रीराम... जय जय श्रीराम... और कुछ! आप लगाओगे नारा तो मैं भी लगाऊंगी, अगर आप सोचो कि मुझे धमकाने के लिए लगाओगे तो ऐसा नहीं होगा... आप अगर बदतमीजी करने के इरादे से लगाआगे तो नहीं चलेगा. आप श्री राम का नारा लगाएं, मैं भी लगाऊंगी, लेकिन अगर आप सोचेंगे कि दबाव बनाने के लिए लगाएंगे तो यह बिल्कुल गलत है...''  यह कहते हुए ग्वालियर की CSP हिना खान ने अपनी जिम्मेदारियों का निडरता से परिचय दिया. 

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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मिश्रा से मुस्लिम पुलिस अधिकारी हिना खान बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. दरअसल, यह बहस उस समय हुई जब एडवोकेट अनिल मिश्रा आपत्तिजनक बयान के कारण पहले से ही विवादों में थे और अपने जन्मदिन पर रामायण पाठ को लेकर प्रशासन की रोक का विरोध कर रहे थे. 

बहस के दौरान सीएसपी हिना खान ने कड़े शब्दों में कहा, वह धार्मिक नारेबाजी की विरोधी नहीं हैं, लेकिन दबाव बनाने या पुलिस को धमकाने के इरादे से होने वाली नारेबाजी को बर्दाश्त नहीं करेंगी. उन्होंने कहा, "आप श्री राम का नारा लगाएं, मैं भी लगाऊंगी, लेकिन अगर आप सोचेंगे कि दबाव बनाने के लिए लगाएंगे तो यह बिल्कुल गलत है."

CSP हिना खान ने इस दौरान अपनी ड्यूटी की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और यह संदेश दिया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में धर्म आड़े नहीं आएगा. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और उनकी निडर कार्यप्रणाली के लिए उनकी तारीफ की जा रही है.

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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ग्वालियर न्यायालय परिसर में आंबेडकर मूर्ति को लेकर उपजे विवाद के बीच एडवोकेट अनिल मिश्रा ने एक विवादित बयान दे दिया. इससे दलित संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया. 
इस बयान के बाद से सोशल मीडिया पर हर तरफ भड़काऊ पोस्ट की बाढ़ आ गई. एक पक्ष ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में बड़ा आंदोलन करने की बात कही, जबकि दूसरा पक्ष लगातार उन पोस्टों का आक्रामक जवाब दे रहा है. 

इसी तनावपूर्ण माहौल में वकील अनिल मिश्रा और उनके समर्थक हनुमान मंदिर पर रामचरितमानस का पाठ करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने माहौल बिगड़ने के डर से मंदिर पर ताला डाल दिया और टेंट का सामान लौटा दिया. इसी को लेकर वकील और पुलिस अधिकारी के बीच बहस हुई. 

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