मध्य प्रदेश के दमोह में मिशनरी संस्थान द्वारा संचालित एक अस्पताल पर एक व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि अस्पताल में एक शख्स ने फ़र्ज़ी कार्डियोलॉजिस्ट बन लोगों का ऑपरेशन कर दिया. जिससे अलग-अलग समय में 7 लोगों की मौत हो चुकी है. मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी की गई है.
दमोह के रहने वाले दीपक तिवारी नाम के शख्स ने यह आरोप शहर के एक अस्पताल पर लगाया है. आरोप है कि अस्पताल में जनवरी और फरवरी माह में आए रोगियों का गलत व्यक्ति द्वारा इलाज किया गया जिससे 7 लोगों की मौत हो गयी. दीपक तिवारी नाम के शख्स ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में एक शख्स ने खुद को लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एनजॉन केम बताया था और जनवरी-फरवरी में 15 लोगों का दिल का ऑपरेशन किया. जिसमें से बाद में 7 लोगों की मौत हो गयी.
यह भी पढ़ें: MP के दमोह में गोहत्या से बवाल: हिंदू संगठनों ने किया शहर बंद का ऐलान, कसाइयों पर फायरिंग का भी आरोप
मामले ने तूल पकड़ा तो मालूम चला कि डॉक्टर का नाम एनजोन केम नहीं नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है. राष्ट्रीय मनवाधिकार आयोग को लिखी चिट्ठी में दीपक तिवारी ने आरोप लगाया है कि 'मिशन अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग में जितने लोगों कि मृत्यू हुई है, उसकी सूचना भी संबंधित थाने या अस्पताल चौकी को नहीं दी गई है. साथ हीं गलत इलाज से मृत व्यक्तियों के परिजनों को समझा बुझाकर उनसे मोटी फीस वसूल कर उन्हें बिना पोस्टमार्टम कराये शव वापिस कर दिया गया.
मिशन अस्पताल में कार्यरत डॉ. एन जॉन केम ने स्वयं को विदेश से डिग्रियां हासिल करने का दावा किया था. जब इसकी सूक्ष्मता से पड़ताल की गई तब ज्ञात हुआ कि नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव उर्फ डॉ. एन जॉन केम भारत और विदेशो में अस्पष्ट अतीत वाला व्यक्ति है और इसने यूनाईटेड किंगडम के मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जॉन केम के नाम का दुरुपयोग किया है. प्रो. (एमेरिटस) ने ईमेल के जरिए बूम (समाचार पत्र) को बताया कि नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव उनकी पहचान चुरा रहा हैं'.
शिकायतकर्ता दीपक तिवारी ने मांग की है कि अस्पताल में हुई मौतों का आंकड़ा इकट्ठा कर मामले की जांच हो और आरोपी डॉक्टर के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन पर हत्या का मामला दर्ज कर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाए. इस मामले में जिला कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है कि मामले की शिकायत प्राप्त हुई है. जिसकी जांच चल रही है. जांच के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
रवीश पाल सिंह / शांतनु भारत