MP: मोहन सरकार की नाबालिग रेप पीड़िताओं के लिए पहल, इस योजना से मिलेगा लाभ

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए बड़ी पहल शुरू की है. इस योजना के तहत रेप पीड़िताओं से जन्मे बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं, पालन-पोषण, शिक्षा, पुलिस सहायता और काउंसलिंग जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.

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CM मोहन यादव. (फाइल फोटो) CM मोहन यादव. (फाइल फोटो)

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:36 PM IST

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए बड़ी पहल शुरू की है. मध्य प्रदेश सरकार नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं और उनसे जन्मे बच्चों के पुनर्वास और कल्याण के लिए एक नई योजना शुरू करने जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दे दी गई है.

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दरअसल, सरकार नाबालिग रेप पीड़िताओं और उनसे जन्मे बच्चों के पुनर्वास और कल्याण के लिए एक नई योजना शुरू करने जा रही है. इस योजना के तहत रेप पीड़िताओं से जन्मे बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं, पालन-पोषण, शिक्षा, पुलिस सहायता और काउंसलिंग जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. इसके लिए हर जिला कलेक्टर को 10 लाख रुपये का फंड जारी किया जाएगा. साथ ही जिला कलेक्टर नाबालिग बलात्कार पीड़ितों और उनसे जन्मे बच्चों की पहचान करेंगे.

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उज्जैन में भी स्थाई आश्रम बना सकेंगे अखाड़ा प्रमुख और महामंडलेश्वर

बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से साधु-संतों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्थाई आश्रम बनाए जाने की योजना बनाई गई है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि उज्जैन की पहचान साधु-संतों से है. उज्जैन में हरिद्वार के तर्ज पर साधु-संतों, महंत, अखाड़ा प्रमुखों और महामंडलेश्वर आदि को स्थाई आश्रम बनाने की अनुमति दी जाएगी.

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हर 12 साल में एक बार होने वाला सिहंस्थ का आयोजन वर्ष 2028 में किया जाएगा. साधु-संतों को उज्जैन में आने, ठहरने, कथा, भागवत इत्यादि अन्य आयोजन के लिए पर्याप्त रूप से भूमि-भूखंड की आवश्यकता पड़ती है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से साधु-संतों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्थाई आश्रम बनाए जाने की योजना बनाई गई है.

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