MP News: ग्वालियर शहर की सड़कों पर सोमवार को ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने आम जनता से लेकर मंत्रियों तक को बेहाल कर दिया. मुख्यमंत्री मोहन यादव के दौरे और तिरंगा यात्रा के चलते पूरा शहर ट्रैफिक जाम में फंसा रहा. खासतौर पर राजमाता चौराहा, सिटी सेंटर और कृषि विश्वविद्यालय के आसपास गाड़ियों की लंबी कतारें ऐसी बन गईं कि घंटों लोगों को अपने गाड़ियों में बैठकर ही रहना पड़ा.
नगर विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी इस ट्रैफिक प्रलय से अछूते नहीं रहे. उनकी योजना थी कि वे मुख्यमंत्री के साथ स्टेट प्लेन से भोपाल लौटेंगे, लेकिन जाम के कारण वे समय पर एयरपोर्ट तक पहुंच ही नहीं पाए.
घंटों जाम में फंसे रहने के बाद जब फ्लाइट मिस होने का अंदेशा हुआ, तो उन्होंने मुख्यमंत्री को फोन कॉल पर इस स्थिति की जानकारी दी. इसके बाद मुख्यमंत्री अकेले ही प्लेन से रवाना हुए जबकि विजयवर्गीय को ग्वालियर छोड़कर ट्रेन से इंदौर होते हुए भोपाल जाना पड़ा.
यह पूरी घटना इस बात का आईना है कि वीआईपी मूवमेंट और बड़े आयोजनों के दौरान शहर की ट्रैफिक व्यवस्था कितनी खराब हो जाती है.
कई जगहों पर सड़कों को सील किए जाने के चलते आम जनता और यहां तक कि मंत्रियों को भी अपनी मंजिल पर पहुंचने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा.
अब सवाल उठता है कि जब खुद मंत्री की गाड़ी जाम में फंस जाती है, तो आम जनता की मुश्किलों का अंदाज़ा कौन लगाएगा? यह घटना ग्वालियर शहर में ट्रैफिक प्रबंधन सुधार की तत्काल जरूरत को दर्शाती है.
सर्वेश पुरोहित