मध्य प्रदेश में महिला कर्मचारी को मिलेगी 7 दिन की एक्स्ट्रा CL, सीएम शिवराज ने किया बड़ा ऐलान

मध्य प्रदेश में अब सभी महिला कर्मचारियों को 7 दिनों का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश (CL) दिया जाएगा. इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि महिलाएं आज हर कार्यक्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, लेकिन उन पर मातृत्व और घर संभालने की ज़िम्मेदारी भी है. इसलिए हमने तय किया है कि हम सभी महिला कर्मचारियों को 7 दिवसों का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश देंगे.

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मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो) मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल ,
  • 09 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 4:27 AM IST

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की महिला कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. बुधवार शाम ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि सभी महिला कर्मचारियों को 7 दिनों का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश (CL) दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि ‘प्रदेश की सभी माताओं-बहनों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं. माता, बहन और बेटियों का उत्थान ही मेरे जीवन का प्रमुख ध्येय है. मेरा मानना है कि नारी शक्ति के सशक्तिकरण में ही प्रदेश और देश का उत्थान निहित है. उन्होंने कहा कि महिलाएं आज हर कार्यक्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, लेकिन उन पर मातृत्व और घर संभालने की ज़िम्मेदारी भी है. इसलिए हमने तय किया है कि हम सभी महिला कर्मचारियों को 7 दिवसों का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश (CL) देंगे. जिसे वे अपनी आवश्यकता अनुरूप उपयोग कर सकेंगी.

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सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि 'कक्षा 10 के बाद उच्‍चतर माध्‍यमिक और कॉलेज में बेटियों को वित्‍तीय साक्षरता के लिए पाठ पढ़ाया जाएगा, जो महिला उन्‍मुखी होगा. बालिकाओं के लिए स्किल ट्रेनिंग की व्‍यवस्‍था की जाएगी. जिसमें हैंडलूम, कढ़ाई, पारंपरिक लोक कलाओं की ट्रेनिंग सम्मिलित होगी. प्रदेश की महिला हथकरघा और हस्‍तशिल्‍प कारीगरों को एनआईडी और निफ्ट संस्‍थानों के माध्‍यम से आधुनिक डिजाइन्‍स और उन्‍नत तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान कराया जाएगा. 

सीएम ने कहा कि राज्य की तकनीकी शिक्षा संस्थाओं में अध्ययनरत छात्राओं को डिजिटल और वित्तीय लिटरेसी (digital and financial literacy), अंग्रेजी, कम्युनिकेशन (communication) और वर्क रेडीनेस (work readiness) का 60 से 80 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा. राज्य की तकनीकी शिक्षा संस्थाओं में अध्ययनरत छात्राओं को रोजगार दिलवाने के उद्देश्य से विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा और जॉब फेयर आयोजित किए जायेंगे.

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