परीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी के महू स्थित मकान पर की जा रही तोड़फोड़ की कार्रवाई को फिलहाल हाई कोर्ट से राहत मिल गई है. शुक्रवार सुबह 11 बजे मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने महू कैंट बोर्ड द्वारा जारी नोटिस पर 15 दिनों का अंतरिम स्थगन आदेश (स्टे) जारी किया.
यह आदेश मकान में रह रहे अब्दुल माजिद की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगले 15 दिनों तक भवन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई या तोड़फोड़ नहीं की जाएगी. इसके बाद मामले की अगली सुनवाई निर्धारित होगी.
दरअसल, याचिकाकर्ता अब्दुल माजिद ने अपनी अर्जी में कैंट बोर्ड के नोटिस को आधारहीन बताते हुए चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया कि नोटिस में यह उल्लेख ही नहीं किया गया है कि भवन का कौन-सा हिस्सा अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है.
इसके अलावा, कैंट बोर्ड ने 1996-97 के पुराने नोटिसों का हवाला दिया है, जबकि वर्तमान हालात के अनुरूप कोई स्पष्ट तथ्य या आधार प्रस्तुत नहीं किए गए. याचिका में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की वर्ष 2025 की गाइडलाइन का पालन नोटिस में नहीं किया गया.
मकान के स्वामित्व को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की गई. बताया गया कि यह मकान पहले जवाद सिद्दीकी के पिता हम्माद सिद्दीकी ने उन्हें गिफ्ट किया था. बाद में जवाद सिद्दीकी ने इसे अब्दुल माजिद को गिफ्ट में दिया, जो लंबे समय से अपने परिवार के साथ वहीं रह रहे हैं.
इसके बावजूद कैंट बोर्ड ने तीन दिन का अल्टीमेटम देकर तोड़फोड़ की प्रक्रिया शुरू करने का नोटिस जारी कर दिया था. याचिका में उठाए गए तीन प्रमुख बिंदुओं नोटिस की अस्पष्टता, पुरानी कार्रवाई का संदर्भ और सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन के पालन न होने को आधार मानते हुए कोर्ट ने फिलहाल नोटिस पर रोक लगा दी है. अब 15 दिन बाद दोबारा सुनवाई होगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
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पता हो कि हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी 10 नवंबर को दिल्ली में हुए ब्लास्ट केस में जांच का केंद्र बन रही है. दिल्ली ब्लास्ट में 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई तमाम घायल हुए थे.
धर्मेंद्र कुमार शर्मा