मध्य प्रदेश में महू कैंटोनमेंट बोर्ड ने अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के घर को तोड़ने का नोटिस जारी हुआ है. कैंटोनमेंट बोर्ड कहा है कि अगर तीन दिनों के अंदर खुद घर नहीं हटाया तो स्ट्रक्चर को गिरा दिया जाए.
कैंटोनमेंट इंजीनियर एचएस कलोया ने कहा, ''हमने मरहूम मौलाना हम्माद के घर को एक नोटिस जारी किया है, जो जवाद अहमद सिद्दीकी के पिता हैं. नोटिस के अनुसार, डिपार्टमेंट ने पहले भी 1996 और 1997 में कैंटोनमेंट्स एक्ट 1924 की संबंधित धाराओं के तहत बिना इजाजत कंस्ट्रक्शन को हटाने का निर्देश देते हुए कई कम्युनिकेशन जारी किए थे.''
कलोया ने कहा, ''लेकिन बार-बार नोटिस देने के बावजूद कंस्ट्रक्शन को नहीं हटाया गया. नए नोटिस में प्रॉपर्टी पर अभी रहने वाले या कानूनी वारिसों को तीन दिन के अंदर बिना इजाज़त के स्ट्रक्चर को हटाने का निर्देश दिया गया है.''
अधिकारी ने कहा कि अगर निर्देश का पालन नहीं किया जाता है, तो कैंटोनमेंट बोर्ड हटाने की कार्रवाई करेगा और खर्च कैंटोनमेंट एक्ट के नियमों के अनुसार संबंधित पार्टी से वसूला जाएगा. यह प्रॉपर्टी - मकान नंबर 1371 - महू के मुकेरी मोहल्ला इलाके में सर्वे नंबर 245/1245 पर है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस ने पहले जवाद सिद्दीकी के भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को महू में एक फाइनेंशियल फ्रॉड के सिलसिले में हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.
हमूद पर 25 साल पहले MP के महू में बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल फ्रॉड करने का आरोप है. दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी अल फलाह यूनिवर्सिटी के जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर था.
माना जाता है कि दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े कई संदिग्धों का यूनिवर्सिटी से संबंध था, जिससे जांच करने वालों को इंस्टीट्यूशनल रिकॉर्ड, फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन और एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल की जांच करने के लिए कहा गया.
बता दें कि हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी 10 नवंबर को दिल्ली में हुए ब्लास्ट केस में जांच का केंद्र बन रही है. दिल्ली ब्लास्ट में 15 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे.
धर्मेंद्र कुमार शर्मा