MP News: इंदौर जिले की एक अदालत ने साल 2009 में उज्जैन में एक मामले में गवाह के तौर पर पेश हो रहे एक पत्रकार पर हुए क्रूर हमले के लिए 5 वकीलों को दोषी ठहराया है. अदालत ने हर दोषी आरोपी पर 10 हजारए रुपये का जुर्माना भी लगाया.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीकृष्ण डागलिया ने उज्जैन के वकील धर्मेंद्र शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, भावेंद्र शर्मा और पुरुषोत्तम राय को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. जबकि एक अन्य आरोपी सुरेंद्र शर्मा (90) को उनकी उम्र को देखते हुए तीन साल की सामान्य सजा सुनाई गई.
पूर्व न्यायाधीश से वकील बने अशोक कुमार शर्मा ने मीडिया को बताया कि आरोपियों में एक व्यक्ति और उसके दो बेटे शामिल थे, जिन्होंने पत्रकार घनश्याम पटेल पर उस समय हमला किया जब वह 2009 में एक मामले में गवाह के तौर पर पेश होने अदालत गए थे. उन्होंने बताया कि आरोपी वकीलों ने 10 फरवरी, 2009 को न केवल पटेल पर हमला किया, बल्कि उनकी रिवॉल्वर, सोने की चेन और एक घड़ी भी छीन ली.
वकील शर्मा ने कहा कि आरोपियों ने पटेल को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने एक मामले में उनके खिलाफ गवाही दी तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
इस मामले की सुनवाई पहले उज्जैन की अदालत में हुई थी, लेकिन याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि वहां निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है. एक याचिका दायर करने के बाद इस केस को इंदौर स्थानांतरित कर दिया गया और हाई कोर्ट ने मामले को इंदौर स्थानांतरित कर दिया.
अदालत ने कहा, "कानून के जानकार आरोपियों से यह अपेक्षा की जाती थी कि वे कानून का शासन बनाए रखें. लेकिन सभी पांचों आरोपियों ने पटेल की हत्या करने की कोशिश की और वह भी ऐसी जगह पर जिसे न्याय का मंदिर कहा जाता है."
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