पुलिसवाला बना राक्षस! बर्खास्त दारोगा रामवीर सिंह के काले कारनामों से उठा पर्दा, जली हुई लाश का सच आया सामने

मध्य प्रदेश के गुना में ट्रक ड्राइवर माखन कुशवाह की मौत का 10 साल पुराना मामला फिर खुला है. जांच में सामने आया कि बर्खास्त दारोगा रामवीर सिंह ने अवैध वसूली के लिए ड्राइवर को थाने में टॉर्चर कर मार डाला था. जिस महिला की मौत बताकर केस बंद किया गया था, वो जिंदा निकली. आरोपी दारोगा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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दारोगा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.(Photo: Vikash Dikshit/ITG) दारोगा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.(Photo: Vikash Dikshit/ITG)

विकास दीक्षित

  • गुना,
  • 08 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

मध्य प्रदेश के गुना में एक दशक पुराना मामला फिर सुर्खियों में है. ट्रक ड्राइवर माखन कुशवाह की थाने के अंदर हुई रहस्यमयी मौत ने पुलिस विभाग को हिलाकर रख दिया है. जिस केस को पुलिस ने आत्महत्या बताकर बंद कर दिया था, उसमें अब सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिस महिला की मौत को ड्राइवर की आत्महत्या का कारण बताया गया था, वह जिंदा निकली.

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दारोगा पर गंभीर आरोप, गिरफ्तारी के बाद खुलने लगे राज

मामले में बर्खास्त पुलिस दरोगा रामवीर सिंह उर्फ दाऊ को गिरफ्तार किया गया है. उस पर आरोप है कि उसने ट्रक ड्राइवर से अवैध वसूली के लिए उसे रुठियाई थाने में बंधक बनाकर थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया था. 21 जून 2015 को ट्रक ड्राइवर माखन कुशवाह की अधजली लाश थाने परिसर में लावारिस हालत में मिली थी. उस समय तत्कालीन सब इंस्पेक्टर रामवीर ने केस को रफा-दफा करने के लिए झूठी कहानी गढ़ दी थी कि माखन ने पत्नी की मौत से दुखी होकर खुद पर डीजल डालकर आत्महत्या कर ली.

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परिवार का आरोप – थाने में माखन की हत्या की गई

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मृतक के पिता गोपाल कुशवाह ने आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या की गई और मामले को आत्महत्या दिखाकर दबा दिया गया. वह पिछले 10 साल से न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. गोपाल का कहना है कि मेरे बेटे को पुलिसवालों ने मारा, अब जाकर सच्चाई सामने आई है. अगर मुझे कुछ हुआ, तो इसकी जिम्मेदारी रामवीर सिंह की होगी.

भाई ने उठाए थे सवाल, पुलिस की कहानी पर नहीं हुआ भरोसा

माखन के छोटे भाई रमन कुशवाह ने बताया कि जब वह शव देखने पहुंचे, तो शरीर का सिर्फ निचला हिस्सा जला हुआ था जबकि सिर और पीठ पूरी तरह सुरक्षित थे. उसे शक हुआ कि माखन ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसे जिंदा जलाया गया. जब उसने दरोगा रामवीर से पूछा कि माखन ने डीजल कैसे निकाला, तो उसने कहा कि उसने शर्ट से टैंक से डीजल निकालकर खुद को जलाया. लेकिन रमन ने कंटेनर का टैंक देखा तो उसमें ताला और जाली लगी हुई थी. इस पर सवाल उठाने पर रामवीर भड़क गया था.

अब जांच में हुआ बड़ा खुलासा

अब जांच में यह साफ हो गया है कि माखन कुशवाह को रुठियाई चौकी में गैरकानूनी रूप से रोका गया था. उससे अवैध वसूली की कोशिश की गई और पैसे न देने पर उसके साथ बर्बर मारपीट की गई. बाद में दारोगा रामवीर और प्रधान आरक्षक हरिमोहन सिंह परिहार ने वारदात के सबूत मिटाकर झूठी रिपोर्ट तैयार की ताकि खुद को बचाया जा सके.

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आईजी और एसपी ने दी जानकारी, जेल भेजा गया आरोपी दारोगा

आईजी ग्वालियर रेंज अरविंद सक्सेना ने बताया कि रामवीर सिंह उर्फ दाऊ पर एक के बाद एक कई अपराधों के खुलासे हो रहे हैं. इनमें आत्माराम पारदी हत्याकांड, डकैती और प्रताड़ना जैसे गंभीर मामले शामिल हैं. वहीं पुलिस अधीक्षक अंकित सोनी ने पुष्टि की कि बर्खास्त सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

न्याय की उम्मीद में पिता की गुहार

ट्रक ड्राइवर माखन कुशवाह के पिता गोपाल ने कहा कि वह पिछले दस सालों से इंसाफ के लिए भटक रहे हैं. उनके बेटे को जिस पुलिस अधिकारी ने जलाया, वही उसे आत्महत्या बताता रहा. अब जब सच्चाई सामने है, वे दारोगा रामवीर सिंह के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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