मध्य प्रदेश के इंदौर में स्वतंत्रता दिवस के पहले बुधवार को तिरंगा यात्रा का आयोजन हुआ. इसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेता शामिल हुए. ये यात्रा राजवाड़ा से गांधी हॉल तक के लिए निकाली गई. इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन ने सशस्त्र बलों की सराहना की और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर राष्ट्रीय हित के खिलाफ राजनीति करने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने साहस और वीरता दिखाई और पाकिस्तान पर सटीक हमले किए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंजाम दिया गया.
वोट बैंक की राजनीति करती है कांग्रेस
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, 'अभी पूरे देश में देशभक्ति का माहौल है. दूसरी ओर राहुल गांधी वोट बैंक की राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं. वह लगातार भारत के लोकतंत्र के स्तंभों जैसे सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और सशस्त्र बलों पर अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं. जब वह ऐसा करते हैं तो हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मिठाइयां बांटी जाती हैं.'
वोट चोरी के आरोप पर प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राहुल को अगर आपत्ति थी तो चुनाव आयोग में हलफनामा दायर करना चाहिए था, न कि सड़क पर हंगामा.
उन्होंने कहा, एक समय पहले भी राहुल ने 'चौकीदार चोर है' के नारे के इस्तेमाल कर भ्रम पैदा करने की कोशिश की थी. लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी. केवल संविधान की किताब दिखाना पर्याप्त नहीं है. उसके मूल भावना के अनुसार व्यवहार भी करना होगा. वह लोकतंत्र के लिए "खतरा" हैं.
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर क्या आरोप लगाए हैं?
राहुल गांधी का आरोप है कि चुनाव आयोग ने चुनावों में भारी अनियमितता की है. उन्होंने दावा किया कि मतदाता सूची में व्यापक स्तर पर फर्जी नाम, डुप्लीकेट वोटर, गलत पते और एक ही पते पर सौ से ज्यादा मतदाताओं की एंट्री की गई है. इस तरह की गड़बड़ियों के कारण कांग्रेस सहित विपक्षी दलों को लोकसभा की 48 से 70 सीटों का नुकसान हुआ है.
राहुल गांधी ने खासतौर पर कर्नाटक के महादेवपुरा, महाराष्ट्र और बिहार के मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ लोग बार-बार वोट डाल रहे हैं, जबकि कई मृतकों के नाम भी मतदाता सूची में शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि यह चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और लोकतंत्र की जड़ता के लिए खतरा है. उनका दावा है कि इस मतदाता सूची की गड़बड़ियों के कारण विपक्ष को अपनी राजनीतिक जमीन गंवानी पड़ी है, जो कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है.
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