उज्जैन में श्रावण मास के दूसरे सोमवार को भगवान महाकाल की द्वितीय सवारी निकली. इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भक्ति भाव से डमरू और मंजीरे बजाते नजर आए. इससे पहले उन्होंने रामघाट पर बाबा की सवारी के दर्शन और पूजन किए.
दरअसल, सोमवार दोपहर 4 बजे नई रजत पालकी में सवार होकर भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकले. इस दौरान राज्य सरकार के मुखिया और मंत्रियों के साथ साथ पूरा शहर 'बम बम भोले' और 'जय जय श्री महाकाल' के नारों से गूंज उठा. हजारों श्रद्धालु अपने आराध्य की एक झलक पाने को उत्साहित दिखे. देखें Video:-
बता दें कि श्रावण-भादौ मास में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर की सवारियां हर सोमवार को निकलती हैं, जो भादौ मास की अमावस्या तक चलती हैं.
देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए उज्जैन आते हैं. इस दौरान कड़ाबीन के धमाकों, शंख ध्वनि और जयकारों के साथ पालकी नगर भ्रमण के लिए निकलती है. डमरू वादक दल भक्ति का माहौल बढ़ाता है.
रजत पालकी के मंदिर से बाहर आते ही पुलिस बैंड की धुन पर सशस्त्र बल भगवान को सलामी देता है. सवारी में पुलिस का घुड़सवार दल, भजनों की धुन बजाता पुलिस बैंड और सशस्त्र बल की टुकड़ी अनुशासन बनाए रखती है. तमाम समूहों के कलाकार, भगवान के गणों का वेश धरे बहरूपिए और भजन मंडलियां माहौल को भक्तिमय बना देती हैं.
सड़कों के दोनों ओर खड़े श्रद्धालु पालकी की ओर टकटकी लगाए खड़े रहते हैं. पालकी के नजदीक आते ही 'जय महाकाल' के उद्घोष से क्षेत्र गूंज उठ ता है. श्रद्धालु अपने आराध्य की झलक पाकर खुद को धन्य मानते हैं. इस दौरान सड़कों पर रंगोली से सजावट की जाती है.
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