मरीज ने दवा के संग निगल लिया नुकीला रैपर, भीतरी परत पर बने घाव, इलाज न मिलता तो फट सकती थी आहार नली

अक्सर आपने बच्चों के खिलौना निगलने या सिक्का आहार नली में चले जाने की खबरें देखी या सुनी होंगी, लेकिन 57 साल के एक पुरुष मरीज ने अनजाने में दवा को उसके रैपर सहित निगल लिया, जो उनकी आहार नली के निचले हिस्से में जाकर फंस गया था.

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मरीज की आहार नली में फंसा नुकीला रैपर निकाला.(Photo:ITG) मरीज की आहार नली में फंसा नुकीला रैपर निकाला.(Photo:ITG)

aajtak.in

  • भोपाल ,
  • 23 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मरीज ने अनजाने में दवा के साथ रैपर भी निगल लिया. करीब एक सेंटीमीटर के रैपर आहार नली में जाकर फंस गया और इस वजह से खाने पीने में मरीज को बेहद तकलीफ होने लगी. हालत बिगड़ने पर मरीज भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (BMHRC) पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी के जरिए रैपर बाहर निकाल दिया. 

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दरअसल, 57 वर्षीय एक मरीज ने करीब एक माह पहले अनजाने में दवा को उसके रैपर सहित निगल लिया था, जो उनकी आहार नली (Esophagus) के निचले हिस्से में जाकर फंस गया था. इसके कारण मरीज को भोजन और पानी निगलने में गंभीर कठिनाई हो रही थी.

बीएमएचआरसी पहुंचने पर डॉक्टरों ने मरीज की एंडोस्कोपी की सलाह दी. जांच के दौरान पता चला कि आहार नली के निचले हिस्से में करीब 1 सेंटीमीटर का दवा का रैपर फंसा हुआ है. गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विशाल पाटिल और उनकी टीम ने एंडोस्कोपी के माध्यम से सावधानीपूर्वक रेपर को बाहर निकाला. 

डॉ. पाटिल ने बताया कि दवा के रैपर का किनारा नुकीला होने के कारण आहार नली की भीतरी परत में कई स्थानों पर घाव हो गया था. अगर इसे कुछ और दिन नहीं निकाला जाता, तो आहार नली फटने की आशंका थी. इससे मरीज की जान को खतरा हो सकता था. 

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डॉ. ने आगे बताया कि बच्चों के सिक्का या खिलौना निगल लेने और वयस्कों के दांत या हड्डी निगलने जैसे मामले तो कभी-कभी आते हैं, लेकिन दवा का पूरा रैपर निगल जाने का यह मामला अत्यंत दुर्लभ है और पहली बार सामने आया है. वर्तमान में मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है.

इनका कहना
BMHRC की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने कहा कि यह एक अत्यंत दुर्लभ और चिकित्सकीय दृष्टि से चुनौतीपूर्ण मामला था. मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती थी, लेकिन हमारे डॉक्टरों की तत्परता और कुशलता से यह जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की गई.

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