अकेलापन दूर करने के लिए तीसरा निकाह...103 साल के 'मंझले मियां' लाए 49 की दुल्हन, बोलीं- पहले तो मैंने मना कर दिया था

Bhopal News: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हबीब नजर की यह तीसरी शादी है. एक वायरल वीडियो में हबीब नज़र एक ऑटो में अपनी दुल्हन के साथ निकाह कर वापस अपने घर लौट रहे हैं. वायरल वीडियो में हबीब को लोग बधाईयां दे रहे हैं और हबीब मुस्कुराते हुए सबका शुक्रिया अदा करते हुए कहते नजर आ रहे हैं कि किसी बात की कोई कमी नहीं है.

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बुजुर्ग हबीब नजर अपनी बेगम फिरोज जहां के साथ. बुजुर्ग हबीब नजर अपनी बेगम फिरोज जहां के साथ.

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल ,
  • 29 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST

भोपाल में रहने वाले हबीब नज़र उर्फ मंझले मियां को मध्य प्रदेश का सबसे उम्रदराज दूल्हा कहा जा सकता है. इसकी वजह यह है कि 103 की उम्र में बुजुर्ग हबीब ने 49 साल की फिरोज जहां से निकाह किया है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हबीब ने अकेलापन दूर करने के लिए उम्र के इस पड़ाव में तीसरी बार घर बसाया है. 

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इंटरनेट मीडिया पर इस अनोखे निकाह की खूब चर्चा है. दरअसल, यह निकाह तो साल 2023 में हुआ था लेकिन इसका वीडियो अब वायरल हो रहा है. यह निकाह अनोखा इसलिए है क्योंकि इसमें दूल्हे की उम्र 103 साल है और दुल्हन की उम्र 49 साल.

भोपाल के रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी हबीब नज़र ने 103 साल की उम्र में 49 साल की फ़िरोज़ जहां से निकाह किया है. यह निकाह पिछले साल हुआ था लेकिन किसी ने रविवार को सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल कर दिया. हबीब नज़र की यह तीसरी शादी है.

'कमी हमारे दिलों में है'

वायरल वीडियो में हबीब नज़र एक ऑटो में अपनी दुल्हन के साथ निकाह कर वापस अपने घर लौट रहे हैं. वायरल वीडियो में हबीब को लोग बधाईयां दे रहे हैं और हबीब मुस्कुराते हुए सबका शुक्रिया अदा करते हुए कहते नजर आ रहे हैं कि किसी चीज की कोई कमी नहीं है. कमी हमारे दिलों में है.  

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पहला निकाह नासिक और दूसरा लखनऊ से 

हबीब नजर ने बताया कि उनका पहला निकाह महाराष्ट्र के नासिक और दूसरा उत्तर प्रदेश के लखनऊ से हुआ था. पहली बेगम से कोई बच्चा नहीं हुआ और वह कुछ साल पहले चल बसी. दूसरी बीवी से भी संतान सुख नहीं मिला और उसका भी करीब 2 साल पहले निधन हो गया था. इसके बाद अकेलेपन से जूझ रहे बुजुर्ग ने किसी के जरिए 49 साल की फिरोज जहां तक रिश्ते की बात पहुंचाई.

पहले मना किया, फिर मान गईं 

पहले तो महिला ने मना कर दिया था, लेकिन बाद में बुजुर्ग की खिदमत करने के नाते उनकी बेगम बनने के लिए तैयार हो गई. आखिरकार फिरोज़ जहां के रूप में उन्हें नई हमसफर मिली जो खुद भी पति के इंतकाल के बाद अकेली थी. फिरोज जहां के मुताबिक वह इस निकाह के इसलिए मान गईंं, क्योंकि हबीब का ध्यान रखने के लिए कोई नहीं था. 

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