Winter Hacks: क्यों गर्म कपड़ों पर उठते हैं रोएं, ये कमाल के टिप्स स्वेटर-कोट को रखेंगे नया

Winter Hacks: गर्म कपड़ों पर रोएं उठना आम बात है और ऐसा केवल सस्ते ही नहीं महंगे कपड़ों के साथ भी होता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि आखिरकार स्वेटर्स, ब्लेजर और बाकी गर्म कपड़ों पर रोएं उठते हैं क्यों हैं और इनसे कैसा बचा जा सकता है.

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गर्म कपड़ों पर क्यों उठते हैं रोएं (Photo: ITG) गर्म कपड़ों पर क्यों उठते हैं रोएं (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

Winter Hacks: सर्दियों का मौसम सेहत के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन इस मौसम में कलरफुल गर्म कपड़े, स्टाइलिश ब्लेजर, जैकेट्स और सुंदर स्वेटर्स पहनना हर किसी को अच्छा लगता है. लेकिन स्वेटर, कोट या शॉल जैसी सभी गर्म कपड़े काफी महंगे होते हैं. हम सभी के साथ ऐसा होता है कि एक सर्दी में नए स्वेटर खरीदते हैं और उसे जब अगली सर्दी में अलमीरा से निकालते हैं तो उन पर आपको रोएं नजर आते हैं.

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ये वुलन क्लोथ्स की सारी चमक खत्म कर देते हैं और नए कपड़ों को पुराना और बदनुमा कर देते हैं. ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि स्वेटर या गर्म कोट पर आखिर रोएं क्यों उठते हैं और अपने कपड़ों पर रोएं आने से कैसा रोका जा सकता है.

स्वेटर पर रोएं क्यों आते हैं
स्वेटर के रेशे जब आपस में रगड़ खाते हैं या किसी दूसरी सतह (जैसे कोट, बैग या जैकेट) से टकराते हैं तो वो टूटकर छोटे-छोटे गोलों का रूप ले लेते हैं. इसे विज्ञान की भाषा में 'पिलिंग' कहते हैं. ऊन की गुणवत्ता अगर खराब होगी और बुनाई जितनी ढीली होगी, कपड़ों पर रोएं उतनी ही जल्दी आएंगे.

गर्म पानी से धोना, हार्श डिटर्जेंट का इस्तेमाल करना या मशीन में ज्यादा कपड़े डालने से भी रेशों को नुकसान पहुंचाता है और कपड़ों पर रोएं बन जाते हैं.

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रात में गर्म पहनकर सोने से उनके रेशों का फ्रिक्शन होता है जिसकी वजह से उसमें रोएं निकल आते हैं.

नए कपड़ों को रोएं से ऐसे बचाएं

सर्दियों के कपड़े नाजुक होते हैं इसलिए उनकी देखभाल भी थोड़ी अलग तरह से करनी पड़ती है. अगर आप चाहते हैं कि आपके महंगे स्वेटर और कोट सालों-साल नए जैसे चमकते रहें तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है.

धोने का सही तरीका (Washing Tips)
गर्म कपड़ों को धोने से पहले हमेशा उल्टा कर लें. इससे कपड़ों की ऊपरी सतह आपस में नहीं रगड़ती और रोएं कम बनते हैं.

वॉशिंग मशीन की रगड़ ऊनी कपड़ों के लिए दुश्मन है. इन्हें बाल्टी में हल्के लिक्विड डिटर्जेंट (जैसे Ezee या Genteel) में भिगोकर धोएं.

हम जैसे बालों के लिए कंडीशनर का इस्तेमाल करते हैं वैसे ही ऊनी कपड़ों को भी सॉफ्ट रखने के लिए फैब्रिक सॉफ्टनर का इस्तेमाल किया जाता है. इससे फाइबर नरम रहते हैं और उलझते नहीं हैं.

गीले स्वेटर को कभी भी हैंगर पर न लटकाएं. पानी के वजन से स्वेटर लटक जाएगा और उसकी शेप बिगड़ जाएगी. इसे हमेशा किसी समतल जगह (जैसे चारपाई या तौलिये) पर फैलाकर सुखाएं.

तेज धूप में ऊनी कपड़ों का रंग उड़ सकता है. इन्हें हमेशा छांव में या हल्की धूप में सुखाएं.

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गर्म कपड़ों पर सीधे प्रेस रखने के बजाय स्टीम (भाप) का इस्तेमाल करें या कपड़े के ऊपर एक सूती रूमाल रखकर प्रेस करें.

कोट या ब्लेजर को पहनने के बाद एक सॉफ्ट कपड़ों वाले ब्रश से साफ करें. इससे जमी हुई धूल निकल जाती है और कीड़े लगने का डर भी नहीं रहता है.

अलमारी में गर्म कपड़ों वाली जगह पर फिनाइल की गोलियां सूती कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए. इससे कपड़ों में नमी और महक नहीं आती है.

ऊनी कपड़ों को प्लास्टिक बैग में बंद करके न रखें. इससे उनमें सीलन लग सकती है. इसकी जगह सूती कपड़े के बैग या पुराने तकिए के कवर का इस्तेमाल करें.

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