Side Effects of Green Peas: कहीं आप तो नहीं खाते जरूरत से ज्यादा मटर? हो सकते हैं ये नुकसान

ठंड के मौसम में हरी मटर मिलनी शुरू हो जाती है. मटर का इस्तेमाल लगभग हर सब्जी में किया जाता है. कुछ लोग इसे उबाल कर तो कुछ लोग इसे पीसकर भी खाते हैं. मटर के हरे दाने सेहत के लिए जितने फायदेमंद होते हैं वहीं इनकी ज्यादा मात्रा शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकती है.

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मटर खाने के नुकसान भी हैं मटर खाने के नुकसान भी हैं

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST
  • मटर खाने के नुकसान
  • सही नहीं मटर की ज्यादा मात्रा

सर्दियों में हर तरफ हरे मटर दिखाई देने शुरू हो जाते हैं. मटर प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत होता है. इनमें बड़ी मात्रा में फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं. हरी मटर में विटामिन A, E, D, और C भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. मटर खाने से ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर कंट्रोल में रहता है. ये शरीर को कई बीमारियों से भी बचाता है. मटर खाने से शरीर को कई फायदे होते हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान (Side effects of green peas) भी हैं. 

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विटामिन K का स्तर बढ़ाता है- मटर में पाया जाने वाला विटामिन K शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. हरी मटर का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट ये है कि वो शरीर में विटामिन K का स्तर ज्यादा बढ़ा देता है. शरीर में विटामिन K की ज्यादा मात्रा खून को पतला कर देती है और प्लेटलेट्स काउंट कम कर देती है. इसकी वजह से घाव को भरने में ज्यादा समय लगता है. जिन लोगों को पेट से जुड़ी दिक्कत हो, उन्हें मटर का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए. थ्रोम्बोफ्लिबिटिस और गठिया के मरीजों को भी हरी मटर कम मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है.

गठिया के लक्षण बढ़ा सकती है- हरी मटर में खूब सारा प्रोटीन, एमीनो एसिड और खूब सारा फाइबर होता है. इनमें विटामिन D भी होता है जो हड्डियों के घनत्व के लिए जरूरी है. बहुत ज्यादा मटर खाने से शरीर से कैल्शियम की मात्रा कम होने लगती है और यूरिक एसिड बढ़ने लगता है. इसकी वजह से गठिया की बीमारी हो सकती है. यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों का दर्द भी बढ़ जाता है. बहुत ज्यादा मटर हड्डियों को कमजोर करने का भी काम करता है. 

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शरीर में पूरे पोषक तत्व नहीं पहुंचने देते- हरी मटर में पाए जाने वाले फाइटिक एसिड और लेक्टिन पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं. ये पाचन की समस्या भी पैदा करते हैं. इनमें मौजूद फाइटेट्स, शरीर में जिंक, मैग्नीशियम और आयरन जैसे मिनरल्स को कम कर देते हैं. जिसकी वजह से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. इसका असर इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है और शरीर में बैक्टीरिया होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए मटर को बहुत अधिक मात्रा में खाने से बचना चाहिए.

वजन बढ़ाता है मटर- हरी मटर खाने का एक साइड इफेक्ट ये भी है कि ये वजन को बढ़ाने का काम करता है. मटर प्रोटीन का बहुत अच्छा स्त्रोत है लेकिन बहुत मात्रा में खाने से ये बॉडी फैट बढ़ाता है. मटर में बहुत सारा फाइबर होता है और सीमित मात्रा में खाने पर ये वजन को कंट्रोल भी करता है लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा ठीक उल्टा काम करने लगती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स मटर को कम मात्रा में ही खाने की सलाह देते हैं.

पेट में सूजन और गैस बनाता है- कुछ स्टडीज के मुताबिक मटर का ज्यादा सेवन करने से पेट में सूजन होने लगती है. ये पेट में गैस भी बनाता है. मटर में बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट होता है, इसलिए इसे बहुत ज्यादा खाने से पेट में दिक्कत बढ़ जाती है. मटर में पाए जाने वाला शुगर आसानी से नहीं पचता है और इसकी वजह से पेट में गैस बनने लगता है. मटर में पाया जाने वाला लेक्टिन भी पेट सूजन और इससे जुड़ी दिक्कतों को बढ़ाता है.

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इरिटेबल बॉएल सिंड्रोम और डायरिया की दिक्कत- हरी मटर इरिटेबल बॉएल सिंड्रोम और डायरिया की दिक्कत को भी बढ़ाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन पेट में जाकर टूटते हैं. ब्राउन राइस या सोया के साथ हरी मटर खाने पर पेट में कम दिक्कत होती है. वहीं कब्ज की समस्या वालों को डिब्बाबंद हरी मटर नहीं खाने की सलाह दी जाती है. इसमें पाए जाने वाले शुगर और प्रिजर्वेटिव्स सेहत के लिए अच्छे नहीं होते हैं.

 

 

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