कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का 58 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स अस्पताल में आज सुबह निधन हो गया. अपनी कॉमेडी से लोगों को हंसाने वाला ये सितारा आज अपने करोड़ों फैन्स को रुला गया. राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. राजू श्रीवास्तव 50 दिनों से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहे और कई कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका. कुछ ही समय पहले मशहूर गायक केके की हार्ट अटैक से मौत हुई थी. पिछले साल सितंबर महीने में टीवी अभिनेता और बिग बॉस विनर सिद्धार्थ शुक्ला ने भी दिल का दौरा पड़ने से अपनी जान गंवाई थी.
हाल के कम समय में हमारे सामने हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड और दक्षिण भारत के ऐसे कई मशहूर सितारों की मौत की खबरें आई हैं. आकड़ों के मुताबिक, हर महीने लगभग दो से तीन हजार लोगों को दिल की बीमारी की वजह से अपनी जान गंवाते हैं. ये आंकड़े हमें दिल की बीमारियों को गंभीरता से लेने के लिए चेताते हैं. इस खबर में हम आपको हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट की वजह और हमारी उन छोटी लेकिन खतरनाक गलतियों के बारे में बताएंगे जिनकी वजह से हम दिल की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.
क्या बला है कार्डियक अरेस्ट और क्यों होता है?
कार्डियक अरेस्ट बेहद खतरनाक स्थिति है जिसमें अचानक व्यक्ति का दिल बंद हो जाता है और इलाज़ न मिलने पर कुछ ही मिनट में उसकी मौत हो जाती है. ऐसा हार्ट के सिस्टम में खराबी आने की वजह से होता है. दिल के बंद होने से शरीर में खून की सप्लाई रुक जाती है. इस स्थिति में व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है, सीने में तेज दर्द होता है, चक्कर आते हैं और उसकी पल्स बंद हो जाती है. अगर इलाज ना मिले तो ये कुछ ही पलों में इंसान की जिंदगी छीन लेता है.
कार्डियक अरेस्ट में कैसे बचाएं व्यक्ति की जान
कार्डियक अरेस्ट में मरीज की हालत तेजी से बिगड़ती है इसलिए ना ही उसे और ना ही उसके आसपास के लोगों को इस स्थिति का अंदाजा लग पाता है. किसी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखते हैं और किसी में नहीं दिखते. अगर किसी को सीने में तेज दर्द हो या वो बेहोश हो जाए और उसकी पल्स भी गिरने लगे तो ये कार्डियक अरेस्ट का संकेत है. इस स्थिति में बिना वक्त गंवाए व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए और अगर उसमें वक्त लगे तो जान बचाने के लिए तुरंत सीपीआर (CPR) देना चाहिए.
ये गलतियां बनती हैं कार्डियक अरेस्ट की वजह
दुनिया भर में अभी तक दिल के रोग पर जो भी रिसर्च हुईं, उन सभी ने बताया है कि हमारे दिल की सेहत हमारी जीवनशैली और खानपान से जुड़ी है. रिसर्च ये भी बताती हैं कि अत्यधिक नॉन वेजीटेरियन डाइट लेने वाले लोगों को दिल की बीमारियों का खतरा वेजीटेरियन और संतुलित मात्रा में मांस का सेवन करने वाले लोगों की तुलना में अधिक होता है. दिल के रोग सबसे ज्यादा खानपान की गलत आदतों की वजह से ही होते हैं. अगर हम पहले से ही इस पर ध्यान दें तो दिल के रोगों का खतरा काफी हद तक कम हो सकती है.
ये फू्ड्स बनाते हैं आपको दिल का मरीज
फैट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ
अगर आप चाहते हैं कि आप तंदरुस्त रहें और आपके दिल की सेहत भी दुरुस्त रहे तो उसके लिए आपको उन चीजों का सेवन छोड़ना होगा जो शरीर में बैड फैट्स को बढ़ाती हैं. अधिक फैट वाला भोजन डायबिटीज और दिल के रोग का जोखिम बढ़ाता है. शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फैट्स से भरे भोजन का कम से कम सेवन करना चाहिए. तेल मसाले वाला भोजन, पिज्जा, बर्गर, पास्ता, चिप्स, कुकीज जैसी मैदा से बनीं चीजों से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जो आगे चलकर दिल के रोगों का कारण बनता है.
निकोटीन वाली ड्रिंक्स
निकोटीन एक एक्टिव केमिकल कंपाउंड होता है जो तंबाकू के पौधों में पाया जाता है. निकोटिन के सेवन से हाई ब्लडप्रेशर की बीमारी होती है. ये धमनियों के रोगों को भी जन्म देता है. इससे दिल की धमनियां चौड़ी हो जाती हैं और खून की सप्लाई बाधित होती है. इससे कई गंभीर बीमारियों और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है. सिगरेट, सिगार, ई-सिगरेट और हुक्का समेत तंबाकू वाले लगभग सभी उत्पादों में निकोटीन होता है इसलिए बेहतर है कि लोग इनसे दूरी बना लें.
मीठे खाद्य और पेय पदार्थ
सामान्य तौर पर अत्यधिक चीनी का सेवन आपके स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. सभी प्रकार की कोल्ड ड्रिंक्स, चॉकलेट और मीठी पेय-पदार्थ आपके शरीर के सभी अंगों पर बुरा असर डालते हैं.
नमक का ज्यादा सेवन
नमक हमारे खानपान का सबसे जरूरी अंग है. लेकिन इसकी अधिक मात्रा हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. खाने में तेज नमक हाई ब्लडप्रेशर का कारण बनता है जो दिल के रोग बढ़ाने वाला एक रिस्क फैक्टर है. खाने में नमक कम कर आप अपने दिल की सेहत की तरफ एक कदम बढ़ा सकते हैं. किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में छह ग्राम नमक (जिसमें 2.4 ग्राम सोडियम होता है) से अधिक नमक नहीं खाना चाहिए. यानी पूरे दिन में लगभग एक चम्मच नमक पर्याप्त है..
शराब और धूम्रपान
अत्यधिक शराब का सेवन केवल लीवर ही नहीं दिल के रोगों को भी दावत देता है. आपका दिल दुरुस्त रहे, इसके लिए आपको शराब, तंबाकू, सिगरेट और हर प्रकार के नशे से बचना चाहिए. नशे का सेवन अचानक कार्डियक अरेस्ट के सबसे बड़े कारणों में एक है. प्रत्येक व्यक्ति को तंबाकू, सिगरेट, शराब और नशीले पदार्थों से दूर रहना चाहिए.
हार्ट अटैक से अलग और ज्यादा खतरनाक होता है कार्डियक अरेस्ट
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में काफी फर्क है. कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक और जानलेवा है. इसमें मौत होने की आशंका हार्ट अटैक की तुलना में काफी ज्यादा होती है. सामान्य तौर पर हमारा दिल एक मिनट में 60 से लेकर 90 या 100 बार धड़कना है, अगर हार्टबीट इससे ज्यादा है तो ये खतरे वाली बात है. वहीं, कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन 250 से 350 बीट प्रति मिनट तक हो जाती है. सबसे खतरनाक ये है कि कार्डियक अरेस्ट के किसी मरीज में लक्षण दिखाई देते हैं और किसी में नहीं. हालांकि चक्कर और बहुत पसीना आना जैसे कुछ संकेत हैं जिससे इस खतरनाक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.
वहीं, हार्ट अटैक शरीर में हार्ट की धमनियों के ब्लॉक्ड होने की वजह से आता है. धमनियां ब्लॉक होने से हार्ट तक ब्लड का सर्कुलेशन रुक जाता है. हालांकि ज्यादातर मामलों में ये स्थिति लंबी बीमारी की वजह से बनती है. अगर सर्जरी या दवाओं के जरिए ब्लॉकेज को ठीक ना किया जाए तो हार्ट अटैक आता है जिससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. इसके लक्षण कुछ दिन या घंटों पहले दिख सकते हैं. इसलिए मरीज की जान बचाई जा सकती है. हार्ट अटैक में अचानक दिल काम करना बंद नहीं करता है. सिर्फ ब्लॉकेज की वजह से उसे काम करने में परेशानी आती है. अगर किसी व्यक्ति को बिना वजह पसीना आ रहा है, छाती में दर्द हो रहा है, बेचैनी महसूस हो रही है तो ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं.
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