Kidney Health: किडनी को सड़ने से बचाते हैं ये 3 फूड्स, Kidney Damage का रिस्क होगा दूर

Kidney Health: किडनी शरीर के अहम अंग में एक है, इसका ख्याल रखने के लिए आपको कुछ ऐसे फूड्स का सेवन करना चाहिए जो किडनी को सपोर्ट करत हैं. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ फूड्स की जानकारी दे रहे हैं.

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किडनी डैमेज से बचाएंगे ये फूड्स (Photo: Getty) किडनी डैमेज से बचाएंगे ये फूड्स (Photo: Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

Kidney Health: किडनी जो बीन्स के आकार का अंग है, शरीर में न्यूट्रिएंट्स का एक नाजुक बैलेंस बनाए रखती है. हालांकि, लाइफस्टाइल फैक्टर्स खासकर आपकी खानपान की आदतें यह तय करने में अहम भूमिका निभाती हैं कि किडनी समय के साथ कितनी अच्छी तरह काम करती है.

अगर किडनी की सेहत पर ध्यान न दिया जाए तो समय के साथ वेस्ट और टॉक्सिन्स शरीर में जमा होने लगते हैं, फ्लूइड रिटेंशन, इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस, हड्डी और मिनरल डिसऑर्डर हो सकते हैं और गंभीर मामलों में कार्डियोवैस्कुलर कॉम्प्लिकेशंस भी हो सकती हैं.

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अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की स्टडी बताती है कि एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड वाले न्यूट्रिएंट्स से भरपूर खाने की चीजें किडनी की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती हैं.

ब्लूबेरीज
ये छोटी लेकिन ताकतवर बेरीज किडनी की सेहत के लिए एक सुपरफूड हैं. UK नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, ½ कप ब्लूबेरी में 150 मिलीग्राम से कम पोटैशियम होता है जो इसे कम पोटैशियम वाला फल बनाता है. इसके अलावा ब्लूबेरी में भरपूर एंटीऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं और ये वैस्कुलर फंक्शन को बेहतर बनाने और ब्लड प्रेशर कम करने में भी मदद कर सकती हैं.

फैटी फिश
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी एक स्टडी से पता चलता है कि सीफूड से मिलने वाला ओमेगा-3 लेवल ज्यादा होने से CKD का खतरा कम होता है और किडनी के काम करने की क्षमता धीमी होती है. सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन जैसी फैटी फिश में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर होता है, जो सूजन कम करता है और ब्लड प्रेशर कम करता है, जो किडनी की बीमारी के दो मुख्य कारण हैं.

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लाल शिमला मिर्च
लाल शिमला मिर्च किडनी के लिए अच्छी होती है क्योंकि इसमें पोटैशियम और फास्फोरस कम होता है जबकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को सपोर्ट करते हैं.

NIH में छपी एक रिव्यू के अनुसार, कैप्साइसिन (लाल शिमला मिर्च में मौजूद) किडनी के काम करने के अलग-अलग पहलुओं को बदलकर किडनी की फिजियोलॉजी पर असर डाल सकता है. यह देखा गया है कि यह किडनी की नर्वस एक्टिविटी पर असर डालता है और किडनी के अंदर ब्लड फ्लो को रेगुलेट करने में भूमिका निभा सकता है.

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