Heatstroke: हीट स्ट्रोक के बढ़ रहे मरीज...जान लें लू लगने के लक्षण और बचने के घरेलू उपाय

Sunstroke: गर्मी के कारण सभी का हाल बेहाल है. देश के कई राज्यों में गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. गर्मी के मौसम में हीट-स्ट्रोक या लू लगने का जोखिम रहता है. हीट-स्ट्रोक या लू क्या है, कारण, लक्षण और उपाय क्या हैं, इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:36 AM IST

देश के कई राज्यों में अभी भी गर्मी के कारण सभी का हाल बेहाल है. गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है और वहीं एसी-कूलर भी फेल हो गए हैं. देश के कई इलाकों में पारा 45 डिग्री तक पहुंच गया है . दिल्ली समेत कई राज्यों के हॉस्पिटल्स में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के डॉ. रितेश गुप्ता के मुताबिक, 'का कहना है कि हीट स्ट्रोक तब होता है, जब शरीर अपने बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होता है और शरीर को ठंडा करने में मदद करने वाले पसीने का मैकेनिज्म भी फेल हो जाता है. ऐसे में खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.' हीट-स्ट्रोक क्या है, इसके क्या लक्षण हैं और घरेलू उपाय क्या हैं, इस बारे में जान लीजिए.

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हीट स्‍ट्रोक क्या होता है

हीट स्‍ट्रोक को आम भाषा में 'लू लगना' बोलते हैं. ये तब होता है, जब आपका शरीर अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता. हीट-स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है और कम नहीं हो पाता. जब किसी को लू लगती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है और इंसान को बिल्कुल पसीना नहीं आता. 

हीट-स्ट्रोक की चपेट में आने पर 10 से 15 मिनट के अंदर शरीर का तापमान 106°F या इससे अधिक हो सकता है. समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इंसान की मौत या ऑर्गन फेल भी हो सकता है.

हीट-स्ट्रोक के लक्षण

हीट-स्ट्रोक के लक्षण अगर पहचान लिए जाएं तो उसके इलाज में समय रहते मदद मिल सकती है. इसलिए हीट-स्ट्रोक के सारे लक्षणों की पहचान होनी जरूरी है. सिर दर्द, तेज बुखार,होश खो देना,मानसिक स्थिति बिगड़ना,मतली और उल्टी,त्वचा का लाल होना,हार्ट रेट बढ़ना,त्वचा का नर्म होना, त्वचा का सूखना और डिमेंशिया इसके कॉमन लक्षण हैं.

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हीट-स्ट्रोक के कारण

अधिक गर्म जगह पर लंबे समय तक रहना लू लगने या हीट-स्ट्रोक का कारण बन सकता है.  अगर कोई ठंडे मौसम से गर्म जगह पर जाता है तो उसे भी हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है. गर्म मौसम में अधिक एक्सरसाइज करना भी हीट-स्ट्रोक का मुख्य कारण है. गर्मी में अधिक पसीना आने के बाद पर्याप्त पानी न पीने से. 

अगर कोई अधिक शराब का सेवन करता है तो शरीर अपना टेम्प्रेचर सही करने की ताकत खो देता है. यह भी लू लगने का कारण हो सकता है. अगर आप गर्मी में ऐसे कपड़े पहनते हैं जिनसे की पसीना और हवा पास नहीं हो रही है तो यह भी हीट-स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है.

हीट-स्ट्रोक का प्रारंभिक इलाज

अगर किसी को लू लगी है तो तुरंत नीचे बताए हुए प्रारंभिक तरीके अपना सकते हैं लेकिन ध्यान रखें प्रारंभित तरीके अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. जिस व्यक्ति को लू लगी है उसे धूप में न रखें, कपड़ों की मोटी लेयर हटा दें और हवा लगने दें, शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए कूलर या पंखे में बैठाएंठंडे पानी से नहलाएं, शरीर को ठंडे पानी के कपड़े से पोछें, सिर पर आइस पैक या कपड़े को ठंडे पानी से गीला करके रखें और ठंडे पानी में भीगे तौलिये को सिर, गर्दन, बगल और कमर पर रखें.

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(Disclaimer: हीट-स्ट्रोक से छुटकारा पाने के लिए ये प्रारंभिक तरीके हैं, जिन्हें अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)

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