Diabetes & Fertility: डायबिटीज का मरीजों की यौन इच्छा पर पड़ता है बुरा असर, इन बातों का रखें ध्यान

भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कई युवा भी इस बीमारी का तेजी से शिकार हो रहे हैं जिसकी सबसे बड़ी वजह लोगों की गलत लाइफस्टाइल औक खाम पान है। डायबिटीज एक क्रॉनिक डिजीज है जिससे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन कंट्रोल कर सकते हैं. डायबिटीज की समसा. होने पर महिलाओं और पुरुषों को कुछ यौन समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है.

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डायबिटीज और फर्टिलिटी डायबिटीज और फर्टिलिटी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

डायबिटीज एक क्रॉनिक डिजीज है जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने और इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण होती है. डायबिटीज की समस्या को अगर समय रहते कंट्रोल ना किया जाए तो इससे कई तरह की परेशानियों जैसे नर्व डैमेज, कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं, डायबिटीज के कारण पुरुषों और महिलाओं को यौन समस्याओं से भी गुजरना पड़ता है. 

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क्या होता है इंसुलिन रजिस्टेंस?

इंसुलिन रेजिस्टेंस एक गंभीर स्थिति है, जिसमें मांसपेशियों, फैट और लिवर की कोशिकाएं इंसुलिन को लेकर सही तरीके से रिएक्ट नहीं करती हैं. इसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बिगड़ जाता है

एक्सपर्ट्स का कहना है कि डायबिटीज के कारण टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम, यौन इच्छा में कमी,एनर्जी में कमी, डिप्रेशन, चिंता, थकान, वजन बढ़ना, बार बार यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना करना पड़ता है. 

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं में डायबिटीज कई तरीकों से खतरनाक साबित हो सकता है. डायबिटीज की वजह से कामेच्छा में कमी, इंफेक्शन जैसी समस्याएं शामिल हैं. नॉर्मल महिलाओं की तुलना में PCOS की समस्या से पीड़ित महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा 10 गुना ज्यादा होता है. PCOS के मरीजों में इंसुलिन रजिस्टेंस और हाइपर इंसुलिनेमिया की समस्या काफी ज्यादा पाई जाती है. 

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ऐसे में अगर महिलाएं और पुरुष डायबिटीज के कारण होने वाली यौन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप अपनी डाइट और डेली लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करें. आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में - 

शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए दवाइयां और इंसुलिन लें.

डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करें जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो और जिनका ग्लाइकेमिक इंडेक्स कम हो जैसे, हरी पत्तेदार सब्जियां, सलाद, गाजर, बीन्स, मटर, ब्रोकली, एसाफेगस, ताजा फल  और नट्स.

रेगुलर एक्सरसाइज करें.

योग और मेडिटेशन .

सुस्त जीवनशैली को त्याग कर एक्टिव बनें और लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठने की बजाय बीच-बीच में उठते रहें.

8 से लेकर 10 घंटे की पूरी नींद लें.

शराब, सिगरेट और अधिक मात्रा में कैफीन का कम से कम सेवन करें.

ऐसी चीजें करें जिससे आपका स्ट्रेस कम हो सके जैसे, किताबें पढ़ना और गाने सुनना.

पुरुषों में नपुंसकता और महिलाओं में  वेजिनीस्मस जिसे यौनी संकुचन भी कहा जाता है इस तरह की यौन बीमारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें. 

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि डायबिटीज की समस्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. भारत में डायबिटीज के मामले बढ़ने के पीछे का मुख्य कारण लोगों में मोटापा और अनहेल्दी लाइफस्टाइल है. डायबिटीज के कारण होनी वाली यौन समस्याओं में शामिल हैं- वजाइनल इंफेक्शन, प्राइवेट हिस्सों में ड्राइनेस ,यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, कामेच्छा में कमी, नपुंसकता, बांझपन.

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डायबिटीज में सुरक्षित सेक्सुअल हेल्थ के लिए इन बातों का रखें खास ख्याल- 

सुरक्षित यौन संबंध- यौन संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें. यह अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के साथ ही यौन संचारित संक्रमणों के खतरे को भी रोकता है. 

एक से ज्यादा संबंध- सुरक्षित सेक्सुअल हेल्थ के लिए जरूरी है कि आप बहुत सारे लोगों के साथ सेक्सुअल संबंध ना बनाएं.

HPV(Human Papillomavirus Vaccines) वैक्सीनेशन- ह्यूमन  पैपिलोमावायरस गुप्तांगी मस्से (जेनिटल वार्ट्स) और सर्वाइकल कैंसर का सबसे आम कारण है. दोनों ही समस्याओं को वैक्सीनेशन के लिए रोका जा सकता है. 


पर्सनल हाइजीन का रखें ख्याल- महिलाओं में इंफेक्शन की समस्या काफी ज्यादा होती है ऐसे में इससे बचने के लिए प्राइवेट पार्ट की साफ सफाई का खास ख्याल रखें और  वजाइना के पीएच लेवल को बैलेंस करने के लिए आजकर मार्केट में कई तरह के लिक्विड वॉश उपलब्ध हैं.

गायनोकॉलोजिस्ट से करें संपर्क- महिलाओं के लिए जरूरी कि सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचने के लिए समय समय पर गायनोकॉलोजिस्ट के पास जाकर चेकअप जरूर कराएं.

डॉक्टर से करें बात- अगर आपको अधिक वजन बढ़ने, ज्यादा प्यास लगना और पेशाब आना, बार-बार योनि या मूत्र संक्रमण जैसे लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.

रोजाना एक्सरसाइज करें- हफ्ते में 5 दिन वर्कआउट जरूर करें. रोजाना 45 से 60 मिनट वर्कआउट करना आपके लिए फायदेमंद साबित होता है. 

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