Liver Health: घर की ये चीजें 3 गुना कर रहीं लिवर फेलियर का खतरा, हो जाएं सावधान!

घर पर इस्तेमाल होने वाली चीजों में पाया जाने वाला टेट्राक्लोरोएथिलीन (PCE) केमिकल लिवर की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. रिसर्च से पता चला है कि PCE के संपर्क में आने वाले लोगों में लिवर फाइब्रोसिस का खतरा तीन गुना अधिक होता है. 'इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर' ने इसे संभावित कार्सिनोजेन घोषित किया है.

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टेट्राक्लोरोएथिलीन केमिकल हमारी सेहत पर असर डालता है. (Photo:freepik) टेट्राक्लोरोएथिलीन केमिकल हमारी सेहत पर असर डालता है. (Photo:freepik)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

Liver Health: घर को हमेशा से ही एक सुरक्षित जगह माना जाता है, जहां हम हर खतरे से दूर होते हैं. अक्सर हम सोचते हैं कि घर के अंदर हमारी सेहत को किसी चीज से खतरा नहीं है. मगर सच से अधिकतर लोग अनजान हैं, क्योंकि घर में मौजूद कुछ चीजें हमारी जानकारी के बिना ही इतनी गंभीर हैं कि वो हमारे शरीर को सीधा नुकसान पहुंचा सकती हैं.

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लिवर पर सिर्फ हमारे खानपान से ही नहीं बल्कि घर में छिपे इन खतरों से भी नुकसान पहुंचता है. लिवर से जुड़ी समस्या जिस स्पीड से हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है और इसमें फैटी लिवर और लिवर फेलियर के मामलों में बीते कुछ वक्त में काफी बढ़ोतरी हुई है. 

अगर आप भी अपने लिवर को जल्दी बीमार होता नहीं देखना चाहते हैं तो अलर्ट हो जाइए. समय रहते इन छिपे हुए खतरों की पहचान करके इनसे बचने की बहुत जरूरत है. आज हम जिस खतरे की बात कर रहे हैं वो एक केमिकल है, जिसका नाम टेट्राक्लोरोएथिलीन (PCE), जिसे कई घरेलू और ड्राई-क्लीनिंग चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. साइंटिस्ट का कहना है कि यह केमिकल हमारी लिवर की हेल्थ के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकता है.

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PCE क्या है?

PCE एक बिना रंग, हार्ट स्मेल वाला लिक्विड है, जिसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर ड्राई-क्लीनिंग में कपड़ों में चिकनाई या दाग हटाने के लिए किया जाता है. सिर्फ ड्राई-क्लीनिंग ही नहीं बल्कि टेट्राक्लोरोएथिलीन (PCE) केमिकल का इस्तेमाल घरों में रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों में होता है.

  • चिपकाने वाला ग्लू
  • स्पॉट रिमूवर
  • स्टेनलेस स्टील या मेटल की सफाई वाले पॉलिश
  • कुछ क्लीनिंग सॉल्यूशन्स

यह हमारी सेहत पर इस प्रकार असर डालता है कि यह पदार्थ कपड़ों से हवा में उड़ सकता है, सफाई के दौरान सांस के जरिए शरीर में जा सकता है, या पानी और मिट्टी में भी मिल सकता है.

PCE लिवर को कैसे नुकसान पहुंचाता है?

यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया (USC) के Keck मेडिसिन के रिसर्चर्स ने PCE के असर पर स्टडी में पाया है कि PCE के संपर्क में आने वाले लोग बाकी लोगों की तुलना में 3 गुना ज्यादा गंभीर लिवर फाइब्रोसिस के शिकार हो सकते हैं. लिवर फाइब्रोसिस का मतलब है लिवर में स्कार टिश्यू बनना. यह स्कार धीरे-धीरे लिवर की कार्यक्षमता को खराब करने लगता है. अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया तो आगे चलकर यह बड़ी बीमारियों का रूप ले सकता है.

लिवर फाइब्रोसिस से होने वाली बीमारियां

  • लिवर सिरोसिस
  • लिवर कैंसर
  • लिवर फेलियर

स्टडी के प्रमुख डॉक्टर ब्रायन ली के अनुसार, कभी-कभी दो लोगों की स्वास्थ्य स्थिति एक जैसी होने के बावजूद एक व्यक्ति को लिवर बीमारी होती है और दूसरे को नहीं. इस अंतर की वजह PCE जैसा केमिकल भी हो सकता है.

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कितना गंभीर है यह खतरा?

PCE केवल लिवर के लिए ही नहीं, बल्कि शरीर के कई अंगों के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) इसे संभावित कार्सिनोजेन यानी कैंसर पैदा करने वाला पदार्थ मानती है.

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) इस केमिकल को घरेलू उत्पादों से धीरे-धीरे हटाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है.यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि लंबे समय तक इस केमिकल का संपर्क शरीर में गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है. 

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