Vitamin D: आजकल हेल्थ सप्लीमेंट्स लेना एक आम बात बन चुका है. ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्होंने विटामिंस की गोलियां लेने को एक आम आदत बना लिया है. ज्यादातर लोग विटामिन ई और सी के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत रखने, इम्यूनिटी बढ़ाने और थकान दूर करने के लिए विटामिन D लेते हैं. लेकिन बहुत कम लोग इस बात पर ध्यान देते हैं कि वे विटामिन D किस समय और किन चीजों के साथ ले रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ फूड्स और सप्लीमेंट्स अगर विटामिन D के साथ लिए जाएं, तो इसका असर कम हो सकता है या शरीर इसे ठीक से सोख नहीं पाता.
अब आपके दिमाग में ये बात जरूर आएगी कि विटामिन डी शरीर में अच्छे से एब्सॉर्ब हो उसके लिए बहुत से फूड्स को छोड़ना होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. अच्छी बात ये है कि इसके लिए किसी चीज को छोड़ने की जरूरत नहीं होती, बस सही टाइमिंग का ध्यान रखना होता है.
ज्यादा फाइबर वाला खाना विटामिन D को रोक सकता है
दालें, चना, राजमा, साबुत अनाज, ब्रान सीरियल और फाइबर से भरपूर फल सेहत के लिए बहुत अच्छे होते हैं. लेकिन अगर आप इन्हीं चीजों के साथ विटामिन D की गोली लेते हैं, तो शरीर इसे पूरी तरह से एब्सॉर्ब नहीं कर पाता. रिसर्च बताती है कि फाइबर विटामिन D के अवशोषण को कम कर सकता है.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि फाइबर से दूर रहने की जरूरत नहीं है. बस विटामिन D को किसी हल्के खाने या थोड़े फैट वाले स्नैक के साथ लें और भारी फाइबर मील से थोड़ा अलग रखें.
फाइटिक एसिड वाले फूड्स से रखें थोड़ा फासला
नट्स, बीज, दालें और साबुत अनाज में फाइटिक एसिड पाया जाता है. ये कैल्शियम, आयरन और जिंक जैसे मिनरल्स से चिपक जाता है. क्योंकि विटामिन D कैल्शियम के साथ काम करता है, इसलिए इन फूड्स के साथ इसे लेने पर असर कम हो सकता है. एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि ऐसे खाने और विटामिन D के बीच एक से दो घंटे का अंतर रखें, ताकि दोनों अपना काम ठीक से कर सकें.
कैल्शियम ज्यादा हो जाए तो बढ़ सकती है दिक्कत
विटामिन D और कैल्शियम दोनों हड्डियों के लिए जरूरी हैं, लेकिन अगर दोनों को बहुत ज्यादा मात्रा में एक साथ लिया जाए (खासकर सप्लीमेंट की तरह) तो कुछ लोगों में किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए बेहतर यही है कि कैल्शियम और विटामिन D को अलग-अलग समय पर लिया जाए, न कि एक साथ भारी डोज में.
ज्यादा विटामिन A, विटामिन D का असर घटा सकता है
विटामिन A और विटामिन D दोनों फैट सॉल्युबल विटामिन हैं. स्टडीज बताती हैं कि अगर विटामिन A की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाए, तो ये विटामिन D के असर को कम कर सकता है. अक्सर ऐसा मल्टीविटामिन लेने से होता है. इसलिए सप्लीमेंट लेते समय लेबल जरूर चेक करें, ताकि किसी विटामिन की जरूरत से ज्यादा मात्रा ना हो.
मैग्नीशियम के साथ पेट खराब हो सकता है
विटामिन D को एक्टिव होने के लिए मैग्नीशियम की जरूरत होती है, लेकिन अगर मैग्नीशियम सप्लीमेंट की मात्रा ज्यादा हो और उसे विटामिन D के साथ लिया जाए, तो पेट से जुड़ी गैस और दस्त जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि खाने से मिलने वाला मैग्नीशियम सुरक्षित होता है. अगर सप्लीमेंट लेते हैं, तो दोनों को अलग-अलग समय पर लेना बेहतर रहता है.
कोलेस्ट्रॉल की कुछ दवाएं भी रोकती हैं असर
कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली कुछ दवाएं आंत में विटामिन डी जैसे फैट-सॉल्युबल विटामिन को बांध लेती हैं. इससे शरीर इन्हें ठीक से एब्सॉर्ब नहीं कर पाता. डॉक्टर्स की सलाह है कि ऐसी दवाओं और विटामिन D के बीच दो से चार घंटे का अंतर रखा जाए.
सही समय पर चीजें खाना जरूरी
एक्सपर्ट्स साफ कहते हैं कि विटामिन D के साथ किसी चीज को पूरी तरह बंद करने की जरूरत नहीं है. बस ये समझना जरूरी है कि इसे कब और किसके साथ लेना सही रहेगा. अगर आप सही समय पर विटामिन D लेते हैं और थोड़ी सी समझदारी दिखाते हैं, तो ये सप्लीमेंट आपकी हड्डियों, मसल्स और इम्यूनिटी के लिए बेहतर तरीके से काम करेगा.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क