Benefits of Sweet Potato: सर्दियों का असली 'सुपरफूड' है शकरकंद, खाने से शरीर को मिलेंगे 6 गजब के फायदे

आलू की जगह आप शकरकंद को अपनी डाइट में शुमार करते हैं तो आपकी हेल्थ को कई गुना फायदा मिलता है. इसमें फाइबर की ज्यादा मात्रा होती है और इसलिए यह वेट लॉस करने वालों से लेकर डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है.

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 शकरकंद को सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है. (Photo: AI-generated) शकरकंद को सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है. (Photo: AI-generated)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

Health Benefits of Sweet Potato: रसोई में काफी सारी ऐसी सब्जियां है, जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं. चुकंदर, आंवला से लेकर शकरकंद इन सभी चीजों को लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, इनकी बजाय उन फूड्स को अपनी थाली में शामिल करते हैं, जो सेहत के लिए उतनी फायदेमंद भी नहीं होती है. मगर क्या आप जानते है कि शकरकंद हमारी हेल्थ के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. आइए जानते हैं कि रोजाना शकरकंद खाने से शरीर को क्या-क्या फायदे मिलते हैं. 

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सर्दियों का सुपरफूड है शकरकंद

सर्दियां आते ही सब्जियों के बाजार में शकरकंद दिखाई देना शुरू हो जाते हैं, अक्सर इसे लोग सिर्फ भुनी हुई या चाट के रूप में ही खाते हैं, लेकिन इसके फायदे इतने ज्यादा हैं कि इसे  विंटर सुपरफूड कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा. दिखने में भले ही साधारण लगे, लेकिन पोषण और एनर्जी के मामले में शकरकंद किसी महंगी सप्लीमेंट गोली से कम नहीं है. 

डाइजेशन में मददगार

शकरकंद में मौजूद प्राकृतिक फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. जो लोग वजन कंट्रोल में रखना चाहते हैं, उनके लिए यह बहुत फायदेमंद है. फाइबर डाइजेशन को भी बेहतर करता है और कब्ज जैसी समस्या से राहत देता है. यही वजह है कि इसे शाम के स्नैक या सुबह के नाश्ते में शामिल करने की सलाह दी जाती है. 

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विटामिन्स का पावरहाउस

इस छोटे से शकरकंद में विटामिन A, B6, C और मैंगनीज जैसे कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं.  विटामिन A आंखों की रोशनी के लिए बेहद जरूरी है और इम्युनिटी को भी मजबूत बनाता है. वहीं विटामिन C सर्दी-जुकाम के मौसम में शरीर के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करता है. शकरकंद का रंग जितना गहरा होगा, उसमें बीटा-कैरोटीन उतना ज्यादा मिलेगा, जो इसे और भी पौष्टिक बना देता है.

ब्रेन हेल्थ के लिए बेहतर

इससे याददाश्त बेहतर होती है और दिमाग ज्यादा तेजी से काम करता है. क्योंकि यह दिमाग को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाता है, इसलिए यह न्यूरोडीजेनरेटिव बीमारियों (जैसे अल्जाइमर्स) से बचाव में भी मदद कर सकता है. 

बिना किसी क्रैश के एनर्जी बूस्टर 

शकरकंद को कार्बोहाइड्रेट का बेहतरीन सोर्स माना जाता है, लेकिन ये कार्ब्स धीरे-धीरे शरीर में एनर्जी छोड़ते हैं.  इसका मतलब ब्लड शुगर में अचानक उछाल या गिरावट नहीं होती. इसलिए इसे जिम जाने वाले लोग, स्टूडेंट्स और दिनभर एक्टिव रहने वालों के लिए एक परफेक्ट फूड माना जाता है.

दिल की सेहत का रखता है ध्यान

शकरकंद में पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है, जो हार्ट हेल्थ के लिए मददगार मानी जाती है. पोटैशियम शरीर में सोडियम के असर को बैलेंस करता है, जिससे ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में सहायता मिलती है. इसके एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में सूजन कम करने में मदद करते हैं.

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खा सकते हैं डायबिटीज के मरीज 

शकरकंद दिखने में आलू जैसा भले ही लगता है, लेकिन इसे डायबिटीज मरीज भी खा सकते हैं. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स मीडियम होता है. इसका मतलब यह धीरे-धीरे एनर्जी देता है और ब्लड शुगर को अचानक नहीं बढ़ाता. लेकिन डायबिटीज वाले लोगों को इसे उबालकर या ग्रिल करके, सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा इन लोगों को अपने डॉक्टर की सलाह के बाद इनका सेवन करना चाहिए. 

रिसर्च क्या कहती है? 

साल 2010 और 2013 में हुई रिसर्च के अनुसार, बैंगनी शकरकंद में पाए जाने वाले खास बायोएक्टिव कंपाउंड्स दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इन कंपाउंड्स में ऐंटी-इंफ्लेमेटरी और ऐंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो दिमाग में सूजन कम करते हैं और कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं.

शकरकंद को कैसे खाएं? 

  •  उबालकर या भूनकर

  •  चाट के रूप में

  •  शकरकंद टिक्की

  • सूप या स्मूदी बनाकर

  • सलाद में क्यूब्स डालकर

इन लोगों को नहीं खाना चाहिए शकरकंद

  • शकरकंद में अधिक मात्रा में फाइबर होता है, इसलिए जिन लोगों को गैस, ब्लोटिंग या कब्ज की समस्या होती है. उन लोगों को शकरकंद ज्यादा खाने से बचना चाहिए.
  • शकरकंद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भले ही कम होता है, लेकिन अगर आप इसे अधिक मात्रा में खाते हैं. तो इससे शुगर स्पाइक होने का खतरा होता है. 
  • इसके अलावा अधिक शकरकंद खाने से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है, क्योंकि इसमें ऑक्सलेट होता है, जिसकी मात्रा अधिक होने से किडनी स्टोन होने की संभावना बढ़ जाती है. 
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