SC ने पलटा बिहार के पूर्व विधायकों का विधानसभा सूची से नाम हटाने का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के चार पूर्व विधायकों के नाम विधानसभा सूची से हटाने के फैसले को पलट दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मामला 15 वीं विधानसभा का है और अब 17वीं विधानसभा काम कर रही है. ऐसे में विधायकों को अयोग्य ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर विचार करना सही नहीं होगा.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:35 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को बिहार के 15वीं विधानसभा के सदस्य रहे चार विधायकों ज्ञानेंद्र कुमार (Gyanendra Kumar), रविंद्र राय ( Ravindra Rai), नीरज कुमार सिंह ( Neeraj Kumar Singh) और राहुल सिंह (Rahul Singh) को पूर्व विधायक के तौर पर मिलने वाली सुविधाओं पर रोक लगाने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को खारिज कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मामला 15 वीं विधानसभा का है और अब 17वीं विधानसभा काम कर रही है. ऐसे में विधायकों को अयोग्य ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर विचार करना सही नहीं होगा. 

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इस मामले में फैसला देने से हालात में कोई बदलाव नहीं आयेगा और अब ये एकेडमिक बहस का मुद्दा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चारों विधायकों को पूर्व विधायक के तौर पर मिलने वाली सभी तरह की सुविधा, जैसे पेंशन और अन्य भत्ते मिलने लगेंगे. 

बिहार की 15 वीं विधानसभा में जदयू के टिकट पर जीते चार विधायकों ज्ञानेंद्र कुमार, रविंद्र राय, नीरज कुमार सिंह और राहुल सिंह को राज्यसभा चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ काम करने के लिए जदयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार की शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष रहे उदय नारायण चौधरी ने सदस्यता रद्द कर दी थी.

साथ ही इन चारों विधायकों का नाम 15 वीं विधानसभा की सूची से हटाने का आदेश दिया और पूर्व विधायक के तौर पर मिलने वाली सभी सुविधाओं पर रोक लगा दी थी.

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