मनी लॉन्ड्रिंग केस ट्रांसफर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सत्येंद्र जैन की याचिका पर ED को नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया है.

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सत्येंद्र जैन (फाइल फोटो) सत्येंद्र जैन (फाइल फोटो)

कनु सारदा

  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ई़डी) ने गिरफ्तार किया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी की अपील पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की अनुमति दे दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सत्येंद्र जैन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की ओर से दाखिल याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया है.

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सत्येंद्र जैन की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हम केवल केस ट्रांसफर किए जाने के मामले पर सुनवाई कर रहे हैं कि ये सही है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 31 अक्टूबर के दिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के लिए भी कहा. सत्येंद्र जैन की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले में बहस पूरी होने के बाद केस ट्रांसफर कर दिया गया. ईडी की ओर से ये तर्क देते हुए केस ट्रांसफर करने की मांग की थी कि एलएनजेपी अस्पताल सीधे स्वास्थ्य मंत्री के तहत आता है और इससे रिपोर्ट प्रभावित हो सकती है.

कपिल सिब्बल की इस दलील के बाद कोर्ट ने पूछा कि अब क्या स्टेटस है? इसके जवाब में कपिल सिब्बल ने कहा कि 20 अगस्त को किसी भी तरह से कोई पक्षपात नहीं हुआ और कोर्ट में दलीलें सुनी गईं. उन्होंने कहा कि अगस्त से सितंबर के बीच में न जाने क्या हुआ कि असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल जब 15 सितंबर को कोर्ट में पेश हुए तब ये कहा कि एजेंसी केस को ट्रांसफर कराना चाहती है. 

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सत्येंद्र जैन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कल को अगर कोई मरीज एम्स में भर्ती होता है तो क्या हम उनकी स्वतंत्र राय पर सवाल उठाते हैं. उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने सवाल किए हैं तो क्या ये पक्षपात दर्शाता है? कपिल सिब्बल ने इसे खेदजनक बताते हुए कहा कि मामले को केवल इसलिए ट्रांसफर कर दिया गया क्योंकि न्यायाधीश ने जमानत पर सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी से कुछ असहज करने वाले सवाल पूछ लिए थे.

इसी मामले में एक अन्य आरोपी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मेरे मामले में दलीलें दी गईं और रिजॉइंडर का भी अवसर दिया गया लेकिन इसके बाद जांच एजेंसी ने केस ट्रांसफर करने की मांग कर दी. उन्होंने सवाल किया कि क्या इस तरह से केस को ट्रांसफर किया जा सकता है. सत्येंद्र जैन की ओर से केस ट्रांसफर के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई की.

 

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