सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर से राजनेता बने अरुण गवली को ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. गवली 2007 में मुंबई के शिवसेना पार्षद कमलाकर जमसांडेकर की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.
जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने गवली को जमानत देते हुए इस बात पर गौर किया कि वह 17 साल से ज्यादा समय से जेल में है और उसकी अपील अभी भी कोर्ट में लंबित है. अदालत ने उसकी 76 साल की उम्र को भी जमानत का आधार माना.
अरुण गवली ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसने 2019 में निचली अदालत द्वारा दी गई उसकी आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था. गवली की अपील पर सुप्रीम कोर्ट फरवरी 2026 में अंतिम सुनवाई करेगा.
विधायक भी रह चुका है गवली
गौरतलब है कि पूर्व विधायक अरुण गवली को 2006 में गिरफ्तार किया गया था. वह 2004 से 2009 तक मुंबई की चिंचपोकली सीट से विधायक रहा था.
अगस्त 2012 में, मुंबई की सत्र अदालत ने जमसांडेकर की हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और 17 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
संजय शर्मा