'क्या आप UN के मेंबर हैं?', 75 हजार जुर्माना लगाकर HC ने रद्द की केजरीवाल पर लगी याचिका

दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को असाधारण अंतरिम जमानत देने की बात कही गई थी. हैरानी की बात यह है कि जब इस याचिका के बारे में केजरीवाल के वकील से पूछा गया तो उन्होंने जानकारी होने से इनकार कर दिया.

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Arvind kejriwal (File Photo) Arvind kejriwal (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को एक हैरान करने वाला केस सामने आया, जब एक वकालत का स्टूडेंट कोर्ट पहुंच गया और उसने जनहित याचिका दायर कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को असाधारण अंतरिम जमानत (Extraordinary Interim Bail) देने की मांग कर डाली.

अदालत ने ना सिर्फ उसकी याचिका खारिज की, बल्कि उसके ऊपर 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा दिया. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर कई तीखी टिप्पणियां भी कीं. अदालत ने उससे पूछा कि क्या आप संयुक्त राष्ट्र (UN) से हैं. अगर ऐसा नहीं है तो आपको वीटो का अधिकार किसने दिया?

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राहुल मेहरा देख रहे हैं केजरीवाल के केस

दरअसल, अरविंद केजरीवाल के तमाम केस इस समय वकील राहुल मेहरा हैंडल कर रहे हैं. उन्होंने भी याचिका लगाने वाले शख्स को पहचानने से इनकार कर दिया. राहुल मेहरा ने कहा कि याचिका दायर करने वाला यह व्यक्ति कौन है? यह एक पब्लिसिटी याचिका है, जो पूरी तरह से गुमराह करने वाली है. यह बहुत खेदजनक है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि राहुल मेहरा सीएम की ओर से पैरवी कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह उचित कदम उठा रहे हैं. आप कौन होते हैं, उनकी मदद करने वाले?

दिल्ली के करोड़ों लोगों के लिए आया हूं 

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा,'आपको वीटो पावर कैसे मिली? क्या आप संयुक्त राष्ट्र (UN) के सदस्य हैं? हाईकोर्ट ने कहा कि केजरीवाल कोर्ट के आदेश के आधार पर न्यायिक हिरासत में हैं. याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि मैं यहां केजरीवाल के लिए नहीं बल्कि दिल्ली के करोड़ों लोगों के लिए आया हूं. मैं यहां केवल नागरिकों के कल्याण के लिए पहुंचा हूं.'

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केजरीवाल गिरफ्तारी से रुकी पूरी सरकार

याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से पूरी सरकार रुक गई है. मुख्यमंत्री ही सरकार के मुखिया हैं. केजरीवाल के वकील ने कहा कि इस अदालत ने तीन मामलों पर फैसला सुनाया गया है. पिछले आदेश में जुर्माना लगाया गया है. उस आदेश को पढ़ना चाहिए.

याचिकाकर्ता का दावा- पब्लिसिटी नहीं चाहते

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मैं कोई पब्लिसिटी नहीं चाहता, इसलिए मैंने अपना नाम नहीं बताया. मेरी पार्टी किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले रही है. मैं यहां केजरीवाल के लिए नहीं बल्कि दिल्ली के करोड़ों लोगों के लिए आया हूं. मैं यहां केवल नागरिकों के कल्याण के लिए हूं. याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि मेरी एकमात्र चिंता यह है कि दिल्ली के 3 करोड़ लोग, जिनमें 1.59 करोड़ लोग ंंमतदाता हैं, उनके बच्चों, उनकी शिक्षा और चिकित्सा का क्या होगा. यह एक असाधारण स्थिति है. 

मेरी चिंता सिर्फ दिल्ली के लोगों की

याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि सीएम दवाएं उपलब्ध कराने के लिए हस्ताक्षर करने के लिए भी उपलब्ध नहीं हैं. मेरी याचिका मुख्यमंत्री को राहत देने के लिए नहीं है. मेरी चिंता सिर्फ दिल्ली के लोगों को लेकर है. याचिकाकर्ता ने कहा कि केजरीवाल पर बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं. मुख्य समस्या यह है कि सीएम उपलब्ध नहीं हैं. भारत और दुनिया में यह पहली बार है कि कोई व्यक्ति जो मुख्यमंत्री है, जेल में है. नागरिकों को कारावास के कारण कष्ट क्यों उठाना चाहिए?

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पहले की जनहित याचिकाएं भी खारिज

याचिकाकर्ता ने कहा आज तक किसी ने भी यह तय नहीं किया है कि वह दोषी है या नहीं. HC ने याचिकाकर्ता से पूछा इसमें आप कौन हैं? क्या आप उसके लिए जमानत बांड भरेंगे? क्या आप यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई गवाह प्रभावित न हो? आपने उनके हिरासत के आदेश को भी चुनौती नहीं दी है. मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. हमने पहले की जनहित याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं.

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