जनगणना में नहीं होगी OBC जातियों की गिनती, जानिए SC में जातिगत जनगणना पर केंद्र ने क्या कहा?

जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में सरकार ने कहा है कि ये एक बेहद ही मुश्किल काम है. ऐसे में जिन राजनीतिक दलों द्वारा इसकी मांग की जा रही थी, उनके लिए निराशा हाथ लगी है.

Advertisement
Caste Census Issue (File Pic: India Today) Caste Census Issue (File Pic: India Today)

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST
  • जातिगत जनगणना के लिए केंद्र ने साफ किया रुख
  • पिछला डाटा काम लायक नहीं है: केंद्र सरकार

देश में जातिगत जनगणना (Caste census) को लेकर लंबे वक्त से बहस छिड़ी है, इस मसले पर अब केंद्र सरकार (Centre Government) ने अपना रुख साफ किया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक हलफनामा दायर करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि जनगणना में OBC जातियों की गिनती एक लंबा और कठिन काम है.

ऐसे में 2021 की जनगणना में इसे शामिल नहीं किया जाएगा. सरकार के इस रुख से उन तमाम राजनीतिक दलों, संगठनों को झटका लगा है जो जातिगत जनगणना की मांग कर रहे थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात कर देश में जाति आधारित जनगणना करने की मांग की थी. 

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें केंद्र सरकार से 2011 की जनगणना के अनुसार, ओबीसी समुदाय का डाटा मांगा गया था. महाराष्ट्र में ओबीसी (OBC) समुदाय के लिए जिला परिषद, जिला पंचायत चुनाव के लिए 27 फीसदी आरक्षण को लेकर ये डाटा मांगा गया था. 

‘गलतियों से भरा हुआ है पुराना डाटा’

Advertisement

इसी याचिका को लेकर केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया, जिसमें कहा गया है कि साल 2011 की जनगणना के मद्देनज़र सरकार के पास हर जाति की गिनती का कोई ठोस डाटा नहीं है. सरकार ने माना है कि साल 2011 में किया गया सोशल इकॉनोमिक और कास्ट सेंसस गलतियों से भरा हुआ है.

केंद्र सरकार ने साफ किया है कि पिछली जनगणना का डाटा किसी आधिकारिक इस्तेमाल के लिए नहीं है, ना ही इसे सार्वजनिक किया गया है. ऐसे में जाति से जुड़े मसलों पर राज्य सरकारें इसका इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं. केंद्र का कहना है कि इस डाटा में गलतियां हैं, साथ ही कई जातियों के एक समान नाम कई तरह की दिक्कतें पैदा कर सकते हैं. 

अपने जवाब में केंद्र ने 2021 की जनगणना में जाति का सेक्शन जोड़ने का विरोध किया है. सरकार ने कहा है कि ऐसा करना बेहद ही कठिन होगा, इससे डाटा में गड़बड़ी हो सकती है.

तेज हुई है जातिगत जनगणना की मांग

आपको बता दें कि हाल ही के दिनों में जातिगत जनगणना की मांग काफी तेज़ हुई है. कुछ दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद नेता तेजस्वी यादव समेत करीब दस राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. सभी ने जल्द से जल्द जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी, जो लंबे वक्त से अटकी हुई है.

ना सिर्फ बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में भी राजनीतिक दलों ने इस तरह की मांग की है. हालांकि, केंद्र की ओर से लगातार इसको टाला ही गया है. अब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने साफ किया है कि इस बार भी जातिगत जनगणना नहीं होगी. 

Advertisement


 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement