'न हथियार ढूंढे, न बीजेपी सांसद के दावे की जांच की...', पूर्व मंत्री पर हमला मामले में ब्रज भूषण सिंह समेत तीन बरी

गोंडा के बहुचर्चित बल्लीपुर कांड में 29 साल बाद कोर्ट का फैसला आ गया है. 1993 में सपा के पूर्व मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह पर जानलेवा हमला हुआ था. इस मामले में बीजेपी सांसद ब्रज भूषण सरण सिंह समेत तीन लोग आरोपी थे. इस मामले में तीनों को बरी कर दिया गया है.

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सपा के पूर्व मंत्री विनोद सिंह पर घर के बाहर गोलियों से हुआ था हमला (फाइल फोटो) सपा के पूर्व मंत्री विनोद सिंह पर घर के बाहर गोलियों से हुआ था हमला (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

यूपी के पूर्व मंत्री विनोद कुमार सिंह पर जानलेवा हमले के 29 साल पुराने मामले में आरोपी बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह और तीन अन्य कैसरगंज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक यहां नवाबगंज इलाके में 24 दिसंबर, 1993 को चार हमलावरों ने पंडित सिंह के नाम से भी जाने जाने वाले विनोद कुमार सिंह पर उनके घर के बाहर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं. पुलिस ने बीजेपी सांसद व उसके साथियों ज्ञान सिंह, दीप नारायण यादव व देवदत्त सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर चार्जशीट दाखिल कर दी थी.

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इस मामले में फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुप्ता की अदालत ने जांचकर्ता की खिंचाई करते हुए कहा कि जांच के दौरान साक्ष्य एकत्र करने की कोई कोशिश नहीं की गई. यहां तक ​​कि घटना में इस्तेमाल किए गए हथियार भी बरामद नहीं किए जा सके.

बचाव पक्ष के वकीलों श्रीकांत श्रीवास्तव, भूपेश्वर उपाध्याय और उपेंद्र कुमार मिश्रा के अनुसार मुकदमे के दौरान बृज भूषण शरण सिंह की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया कि हमले के दिन सांसद संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल होने के लिए दिल्ली में मौजूद थे.

जज ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के इस दावे को भी जांचने का कोई प्रयास नहीं किया गया, जो पूरी चर्चा को गंभीर रूप से संदिग्ध बनाता है. अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस और प्रशासन विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह के बयान लेने में भी विफल रहे.

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इसके बाद विशेष न्यायाधीश ने सोमवार शाम दोनों पक्षों को सुनने के बाद साक्ष्य के अभाव में सांसद व अन्य को बरी कर दिया. मामले की लंबी अदालती कार्यवाही के दौरान एक आरोपी देवदत्त सिंह की मौत हो गई.

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