मजदूरों का पैदल या भेड़-बकरियों की तरह पैदल पलायन बेहद दर्दनाक है, लेकिन इससे भी दर्दनाक है मजदूरों की इस बेबसी से खिलवाड़. कुछ लोग मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए मोटी रकम ले रहे हैं. ये कारोबार कैसे चल रहा है. आजतक ने किया है इसका खुलासा. इन तमाम तस्वीरों के पीछे की कहानी जब आजतक ने जानी तो बेहद चौंकाने वाली निकली. कैसे ट्रकों में मजदूरों को लोड किया जा रहा है और मजदूर घर जाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. दिल्ली की आज़ादपुर मंडी की तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि दर्जनों मजदूर एक झुग्गी में भरे हुए हैं. सबके पास अपना अपना सामान है और घर जाने के लिए ट्रक का इंतज़ार कर रहे हैं. इन्होंने एक ट्रक वाले को प्रति सवारी 2500 से 3000 रुपए दिये हैं. और ट्रक भी एक बंद कंटेनर, जिसमें सांस लेना भी मुश्किल हो जाए, सोशल डिस्टेंसिंग तो छोड़ ही दीजिए. इस तस्वीर का सच खंगालने के लिए आजतक के रिपोर्टर ने फैक्ट्री वर्कर बनकर इस ट्रक वाले से संपर्क साधा. उसने आजतक के रिपोर्टर से जो डील की, वो आपको सुनाते हैं.