उत्तराखंड के धराली-हर्षिल इलाके में बादल फटने के बाद भारतीय सेना ने त्वरित बचाव अभियान शुरू किया है. 6 अगस्त 2025 को दोपहर 3 बजे सेना ने यह अभियान चलाया है. इस आपदा के कारण कई सड़कें और एक पुल टूट गए हैं, जिससे यह क्षेत्र उत्तर और दक्षिण दोनों ओर से कट गया है.
भारतीय सेना के 225 से ज्यादा जवान, जिनमें इंजीनियर टीमें भी शामिल हैं, मलबे को हटाने और फंसे हुए लोगों को निकालने का काम कर रहे हैं.
70 से ज्यादा नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि 5 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं. इस आपदा में सेना के 1 जेसीओ और 8 जवान भी लापता हो गए हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी...
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना ने विशेष संसाधन भी लगाए हैं. रेको रडार के साथ 7 टीमें टेकला के पास काम कर रही हैं, जबकि सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स की तैनाती हर्षिल में की गई है. राहत सामग्री पहुंचाने और घायलों को निकालने के लिए सहस्रधारा से तीन सिविल हेलिकॉप्टर भी भेजे गए हैं. सेना के चिनूक, एमआई-17 और एएलएच हेलिकॉप्टर जॉली ग्रांट, चंडीगढ़ और सरसावा में स्टैंडबाय पर हैं, जो मंजूरी मिलते ही बचाव अभियान में शामिल हो जाएंगे.
आपदा से जान-माल का नुकसान...
उत्तराकाशी के धराली में बादल फटने से बतवारी, लिंचीगाड़ और गंगरानी के पास की सड़कें बह गई हैं, जिससे आवाजाही ठप हो गई है. धराली में सिविल हेलिपैड भी मडस्लाइड के कारण बंद हो गया है. प्रशासन के मुताबिक, इस हादसे में 5 नागरिकों की मौत हुई है और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं. भारतीय सेना चुनौतीपूर्ण मौसम में भी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बचाव कार्य में जुटी है.
मंजीत नेगी