ऑपरेशन कालनेमि में पकड़े गए 19 बांग्लादेशी... उत्तराखंड में 3 जिलों से 511 लोगों की गिरफ्तारियां

धर्म और आस्था की आड़ में चल रहे अवैध धंधों के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने बड़ा अभियान छेड़ा है. ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत तीन जिलों में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.

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ऑपरेशन कालनेमी के तहत उत्तराखंड पुलिस बाबा के भेष में जनता को भ्रमित करने वाले बहरुपियों को गिरफ्तार कर रही है. ऑपरेशन कालनेमी के तहत उत्तराखंड पुलिस बाबा के भेष में जनता को भ्रमित करने वाले बहरुपियों को गिरफ्तार कर रही है.

aajtak.in

  • देहरादून,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:53 AM IST

उत्तराखंड में 'ऑपरेशन कालनेमि' के तहत बड़ी कार्रवाई सामने आई है. राज्य के तीन जिलों में चलाए गए इस विशेष अभियान के दौरान कुल 511 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 19 बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं. सरकार का कहना है कि यह अभियान धर्म और आस्था की आड़ में हो रहे अपराधों पर रोक लगाने के लिए शुरू किया गया है.

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उत्तराखंड सरकार की ओर से जुलाई 2025 में राज्यव्यापी अभियान 'ऑपरेशन कालनेमि' शुरू किया गया था. इसके तहत अब तक तीन जिलों में कुल 511 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस कार्रवाई में 19 बांग्लादेशी नागरिक भी पकड़े गए हैं, जो अवैध रूप से राज्य में रह रहे थे.

जानकारी के मुताबिक, यह अभियान हरिद्वार, देहरादून और उधम सिंह नगर जिलों में चलाया जा रहा है. अब तक इन तीनों जिलों में 4,800 से ज्यादा लोगों का सत्यापन किया जा चुका है. इसके बाद 511 लोगों को विभिन्न अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया.

10 बांग्लादेशियों को भेजा गया वापस

गिरफ्तार किए गए लोगों में 19 बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं. इनमें से 10 को वापस बांग्लादेश भेज दिया गया है, जबकि बाकी 9 के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है.

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सरकार के अनुसार, ऑपरेशन कालनेमि का उद्देश्य उन लोगों की पहचान करना और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है, जो धर्म और आस्था की आड़ में पाखंड, धोखाधड़ी और अन्य अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं.

सीएम ने क्या कहा है...

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना और देवभूमि उत्तराखंड की गरिमा की रक्षा करना है.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में आस्था और विश्वास का पूरा सम्मान किया जाएगा, लेकिन उसकी आड़ में होने वाले अपराध, पाखंड और धोखाधड़ी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभियान को पूरी सख्ती और निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ाया जाए.

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