मलबा गिरने से सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग बंद... 24 KM पैदल चलकर बाबा केदारनाथ के दरबार में पहुंच रहे श्रद्धालु

गौरीकुंड से बाबा केदारनाथ धाम तक का लगभग 24 किलोमीटर लंबा दुर्गम पैदल ट्रैक तय कर श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन को पहुंच रहे हैं. खराब मौसम और रास्ते में आ रहे मलबे के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था की डोर अडिग बनी हुई है.

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पैदल चलकर केदारनाथ पहुंच रहे श्रद्धालु. (Screengrab) पैदल चलकर केदारनाथ पहुंच रहे श्रद्धालु. (Screengrab)

प्रवीण सेमवाल

  • रुद्रप्रयाग,
  • 25 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST

उत्तराखंड में जारी बारिश का असर केदारनाथ यात्रा पर भी देखने को मिल रहा है. रुद्रप्रयाग जिले के कोतवाली सोनप्रयाग क्षेत्र में मुनकटिया के पास पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरे हैं. इससे सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक का रास्ता बाधित हो गया है. इस रास्ते से शटल सेवा चलती है, लेकिन अब यहां पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है.

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रात में हुई भारी वर्षा की वजह से मुनकटिया इलाके में पहाड़ी से आए मलबे और बोल्डर ने सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया. इस कारण केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन ने अस्थायी रूप से रास्ते को पैदल चलने योग्य बनाया है, इसके बाद यात्रियों को वहां से पैदल पार करवाकर सुरक्षित स्थान की ओर भेजा जा रहा है.

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इसके साथ ही गौरीकुंड से बाबा केदारनाथ धाम तक का लगभग 24 किलोमीटर लंबा पैदल ट्रैक भी लगातार बारिश के कारण चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. फिसलन, पत्थर गिरने और रास्तों में कीचड़ के चलते जोखिम बना हुआ है. जिला प्रशासन द्वारा रास्ते को सुचारू करने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनें मौके पर भेज दी गई हैं और राहत कार्य तेजी से जारी है.

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प्रशासन और पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा की योजना बनाएं, साथ ही स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक बारिश की चेतावनी दी है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि अगर बारिश हुई तो स्थिति और बिगड़ सकती है. श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे मौसम का पूर्वानुमान देखते रहें.

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