हरिद्वार में VHP की मीटिंग में उठा सिद्धू मूसेवाला मर्डर का मुद्दा, हिंदुओं से की ये अपील

विश्व हिंदू परिषद की हरिद्वार में चल रही मीटिंग में पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मामला उठा है. इसके साथ हिंदुओं को भी कई तरह की सलाहें दी गई हैं.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

श्रेया चटर्जी

  • हरिद्वार,
  • 12 जून 2022,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST
  • VHP की मीटिंग में उठे कई मुद्दे
  • हिंदुओं को तीन बच्चे पैदा करने की सलाह

विश्व हिंदू परिषद की हरिद्वार में चल रही मीटिंग में सिद्धू मूसेवाला मर्डर का मुद्दा भी उठा है. महाराष्ट्र में देवघर के विरुपक्ष स्वामी जी ने इस मसले को मीटिंग में उठाया है. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की संवेदनहीनता की वजह से पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवासा की हत्या हुई है. बता दें कि 29 मई को दिनदहाड़े सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी और एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने मूसेवाला की सुरक्षा में कमी थी. 

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इसके अलावा विरुपक्ष स्वामी जी ने महाराष्ट्र सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार भी साधु-संतों के मामले में संवेदनहीनता का रवैया अपना रही है. पालघर में हुई संतों की हत्या इसका उदाहरण हैं. बीते साल पालघर में भीड़ ने दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या कर दी थी.

वीएचपी की मीटिंग में देवानंद महाराज ने हिंदुओं को बच्चे पैदा करने को लेकर बयान दिया है. उन्होंने सभी हिंदुओं को तीन बच्चे पैदा करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को तीन बच्चे पैदा करने चाहिए. इनमें से एक बच्चा धर्म के लिए, एक देश के लिए और एक उनकी सेवा करने के लिए. देवानंद महाराज ने कहा कि हमें एकजुट होना होगा. आज एक मुसलमान अजान के बाद कॉल बुलाता है तो सभी एकजुट हो जाते हैं. यहां तक कि हमें भी उसी तरह एक साथ आना पड़ेगा. 

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ब्राह्मणों ने नहीं दिया जाति का बढ़ावा

राजेंद्र नंद गिरी महाराज ने मीटिंग में कहा कि जातिवाद संतों या ब्राह्मणों द्वारा नहीं दिया गया है, जितना कि भारत के संविधान ने दिया है. यह संविधान है जो आपको जाति प्रमाण पत्र देता है. उन्होंने हमारा अपमान किया और मुसलमानों ने इस अवसर का इस्तेमाल हमारी नौकरी लूटने के लिए किया. उन्होंने कहा कि वे सीता मां का अपमान करते हैं, बताओ हमारा खून क्यों नहीं खौलता? नुपुर शर्मा ने मुसलमानों के बारे में क्या गलत कहा? ऐसे समय में संगठन उनसे पल्ला क्यों झाड़ता है? 

हिंदू मंदिरों पर न हो सरकार का नियंत्रण

वीचएपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीटिंग में हुई अलग-अलग मुद्दों के बारे में चर्चा की जानकारी दी है. निर्मल पीठाधीश्वर पूज्य श्री महंत ज्ञानदेव सिंह जी महाराज और श्री मिलिंद परांडे और वीएचपी के महासचिव ने इन मुद्दों के बारे में बताया. मिलिंद पराडें ने कहा कि देश के लाखों हिंदू मंदिर सरकार के कंट्रोल में हैं, उन्हें सरकारी नियंत्रण में नहीं होना चाहिए. हिंदू समाज इसकी देखरेख करेगा. हिंदू मंदिरों के माध्यम से एकत्र राजस्व का उपयोग हिंदू उद्देश्य के लिए करना होगा. 

धार्मिक रूपांतरण के खिलाफ कानून की मांग

इस दौरान वीएचपी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा यूनिवर्सिल सिविल कोड के लिए बनाई गई कमेटी का स्वागत किया और कहा कि संगठन पूरे देश में कॉमन सिविल कोड चाहता है. इसके अलावा संगठन ने धर्म परिवर्तन को लेकर कहा कि ईसाई मिशनरीज से बड़ा खतरा है. वीएचपी नेता ने कहा कि अब हम उन गांवों में यात्रा करेंगे जिन्हें हमने इसे रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में पहचाना है, राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा धार्मिक रूपांतरण के खिलाफ एक कानून लाया जाना चाहिए.
 

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