शहीद गौतम को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ा जनसैलाब, भाई बोला- दर्द भी है और गर्व भी

पुंछ आतंकी हमले में शहीद हुए कोटद्वार शिवपुर निवासी गौतम कुमार को आज अंतिम विदाई दी गई. शहीद के बड़े भाई राहुल और चचेरे भाई कुलदीप ने कहा कि हमने अपना भाई खोया है. मगर, गर्व की बात है कि भाई देश के लिए शहीद हुआ है. उसने अपने प्राणों को भारत माता की सेवा में न्योछावर किया है.

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शहीद गौतम को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ा जनसैलाब. शहीद गौतम को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ा जनसैलाब.

विकास वर्मा

  • कोटद्वार ,
  • 25 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

जम्मू संभाग के पुंछ जिले में 21 दिसंबर को आतंकी हमला हुआ था. इसमें सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे. इसमें उत्तराखंड के कोटद्वार शिवपुर निवासी गौतम कुमार और चमोली निवासी नायक वीरेंद्र सिंह ने भी शहादत दी थी. सोमवार को शहीद गौतम का पार्थिव शरीर घर पहुंचा. उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े. 'भारत माता की जय' और 'गौतम कुमार अमर रहें' के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा. 

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दरअसल, राइफलमैन गौतम कुमार का पार्थिव शरीर सोमवार को सेना के हेलीकॉप्टर से कोटद्वार पहुंचा. फिर सेना के वाहन से शिवपुर स्थित उनके आवास लाया गया. जैसे ही जांबाज का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा, 'भारत माता की जय' 'गौतम कुमार अमर रहें' के जयकारों से इलाका गूंज उठा. 

सेना के वाहन में शहीद का पार्थिव शरीर रखकर गाड़ीघाट स्थित मुक्तिधाम तक अंतिम यात्रा निकाली गई. इसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों नें शहीद को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की.

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूरी, जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान, एसएसपी श्वेता चौबे, एसडीएम सोहन लाल सैनी, एएसपी जया बलूनी सहित हजारों लोगों नें शहीद को श्रद्धांजलि दी. गार्ड ऑफ ऑनर के बाद उन्हें मुखाग्नि दी गई.


शहीद के बड़े भाई राहुल और चचेरे भाई कुलदीप ने कहा कि दुख और दर्द ये है कि हमने अपना भाई खोया है. मगर, गर्व की बात है कि भाई देश के लिए शहीद हुआ है. उसने अपने प्राणों को भारत माता की सेवा में न्योछावर किया है. राहुल ने बताया कि गौतम 30 नवंबर को छुट्टी लेकर घर आए थे.

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16 दिसंबर को वो ड्यूटी पर पहुंचे थे. अगले साल 11 मार्च को उनकी शादी होनी थी. घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं. इससे पहले आतंकियों के कायराना हमले में उनकी जान चली गई. दो साल पहले पिता विजय कुमार का निधन हो चुका है. वो शिक्षा विभाग में थे. राहुल के अलावा घर में गौतम की मां और दो बहन हैं, जिनकी शादी हो चुकी है.

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