उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल में मंगलवार दोपहर अचानक बदले मौसम ने लोगों को बुरी तरह परेशान कर दिया. दोपहर करीब 1 बजे आसमान में घने बादल छा गए और फिर करीब दो घंटे तक मूसलाधार बारिश होती रही. इससे पूरे शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
दरअसल, मंगलवार सुबह से मौसम साफ था और धूप निकली हुई थी. इससे पर्यटक और स्थानीय लोग सामान्य दिनचर्या में लगे थे. लेकिन दोपहर के बाद हुई तेज बारिश ने नैनीताल के सौंदर्य को परेशानी में बदल दिया. भारी बारिश के कारण नालों का पानी उफान पर आ गया. जगह-जगह जलभराव हो गया और बाजारों में पानी नदियों की तरह बहता दिखाई दिया.
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प्रसिद्ध भोटिया मार्केट, जो हमेशा पर्यटकों से गुलजार रहती है, वहां भी भारी जलभराव हो गया. दुकानों में पानी घुस जाने से व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. कई दुकानदारों ने बताया कि उनके कीमती सामान पानी में भीग गए और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद भी खराब हो गए.
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स्थानीय लोगों ने नगर प्रशासन पर सवाल उठाए कि नैनीताल में सौंदर्यीकरण और विकास कार्य तो किए गए, लेकिन जल निकासी व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया. नालों की सफाई समय पर नहीं हुई, जिसके कारण प्लास्टिक, कचरा और गंदगी बारिश के पानी के साथ सीधे झील में समा गई. इससे झील की सफाई और पर्यावरण संतुलन पर भी खतरा मंडराने लगा है.
पर्यटकों को भी इस आपदा जैसी स्थिति में भारी असुविधा का सामना करना पड़ा. सड़कों पर पानी जमा होने और फिसलन के कारण लोगों को चलने में दिक्कत हुई. कई जगहों पर वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित रही. स्थानीय प्रशासन ने बारिश के बाद राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि यदि समय रहते जल निकासी और नालों की सफाई पर ध्यान दिया गया होता, तो यह स्थिति नहीं बनती.
लीला सिंह बिष्ट