उत्तराखंड के जोशीमठ में चल रहे कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया है. सीएम धामी का कहना है कि जोशीमठ को लेकर कुछ लोग गलत एजेंडा चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में चल रहे विकास कार्यों को बाधित करने की कोशिश की जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार तन्मयता से अपना कार्य कर रहे हैं.
बता दें कि जोशीमठ में जमीन धंसने और घरों में दरारें आने के बाद सैकड़ों लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. यहां जमीन फटने और सड़कें धंसने की घटनाएं सामने आने के बाद दहशत है.
कहा जा रहा है कि बेतरतीब निर्माण, जल रिसाव और मिट्टी का कटाव लोगों के लिए आफत बन गया है. यहां भूस्खलन की जद में आने से भगवती मंदिर धराशायी हो गया था. सिंहधार वार्ड में यह पहला मामला था. दीवारों में दरारें आने के बाद मंदिर गिरने से लोगों में दहशत का माहौल था.
दहशत के बीच डेंजर जोन को करा दिया गया था खाली
जोशीमठ में ऐसी स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे. सीएम ने कहा था कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए. जोशीमठ में सेक्टर और जोनलवार योजना बनाई जाए. तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट किया जाए, इसके बाद अधिकारी कार्रवाई में जुट गए थे.
जमीन धंसने के बाद सरकार ने रोक दिए थे कई प्रोजेक्ट
सिंकिंग टाउन जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए सरकार ने कई परिवारों को अस्थायी जगहों पर शिफ्ट करने के साथ ही चारधाम परियोजना ऑल वेदर रोड हेलन मारवाड़ी बाईपास समेत अन्य निर्माण कार्यों को भी रोक दिया था. एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल के अंदर का कार्य पूरी तरह से रोक दिया गया था.
जिला प्रशासन ने बीआरओ के अंतर्गत निर्मित हेलंग बाइपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत निर्माण कार्य व नगर पालिका क्षेत्र के तहत निर्माण कार्यों पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अगले रोक दिया गया था.
अंकित शर्मा