नदियां उफान पर, भीषण लैंडस्लाइड, बादल फटने से कई की मौत... चमोली समेत उत्तराखंड के 4 जिलों में बारिश ने मचाई तबाही

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और टिहरी जिलों में भारी बारिश और मलबा बहाव से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. शुक्रवार को रुद्रप्रयाग के बसुकेदार और जखोली में भयंकर बादल फटने से आठ लोग लापता और एक महिला की मौत हुई है.

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उत्तराखंड में आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य जारी (Photo: PTI) उत्तराखंड में आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य जारी (Photo: PTI)

अंकित शर्मा

  • देहरादून,
  • 29 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:00 PM IST

उत्तराखंड के कई जिलों में गुरुवार और शुक्रवार को हुई भारी बारिश और मलबा बहाव ने जनजीवन और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया. रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और टिहरी जिलों में पांच लोगों की मौत हुई, तीन घायल और कम से कम 11 लोग लापता हैं.

रुद्रप्रयाग के बसुकेदार और जखोली क्षेत्र में शुक्रवार तड़के बादल फटने जैसी आपदा हुई. छेनागाड़ डूंगर, तालजामण, स्युर, जौला बड़ेथ, किमाणा और अरखुण्ड गांव प्रभावित हुए। कई मकान और छानियां ध्वस्त हो गईं, पशु मलबे में दब गए.

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8 लोग लापता हो गए हैं, जिसमें एक वनकर्मी, 3 छेनागाड़ निवासी, 4 नेपाल मूल शामिस हैं. वहीं जखोली में एक महिला की मौत हो गई है. लगभग 200 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन राहत-बचाव में जुटे हैं.

बागेश्वर के कपकोट तहसील के पौसारी गांव में मलबा आने से दो आवासीय भवन और एक गौशाला क्षतिग्रस्त हुआ है. यहां दो महिलाएं की मौत हो गई है. तीन लोग लापता हैं और एक शख्स घायल है. 

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शुक्रवीरा की रात को बैसानी गांव में मलबा आने से एक मकान और एक गौशाला क्षतिग्रस्त, 10 बकरियां, 20 खरगोश और 30 मुर्गियां मलबे में दब गईं.

चमोली के थराली तहसील के मोपाटा गांव में मलबा आने से एक आवासीय भवन और एक गौशाला क्षतिग्रस्त हुई. यहां दो लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हुए. 

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टिहरी के बालगंगा तहसील के गेंवाली गांव में गदेरे का जलस्तर बढ़ने से भारी मलबा आया. दो छानियां, एक गौशाला (2 पशु दबे), दो मंदिर, जलस्रोत, कृषि भूमि, संपर्क मार्ग, पैदल पुलिया क्षतिग्रस्त हुए हैं. कोई जनहानि नहीं हुई ङै.

प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. प्रभावित परिवारों के लिए सामुदायिक केंद्रों और राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है.

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