उत्तराखंड समेत सात अन्य राज्यों में 10 जुलाई को उपचुनाव होने हैं. बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा की दो सीटें खाली हैं. नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 26 जून थी और नतीजे 13 जुलाई को घोषित किए जाएंगे. पौड़ी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र की 14 सीटों में से एक बद्रीनाथ विधानसभा सीट कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के मार्च में इस्तीफा देने और उसके बाद भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई थी. बद्रीनाथ चारधाम तीर्थस्थल होने के साथ-साथ जोशीमठ के रूप में भी महत्वपूर्ण है, जो आदि गुरु शंकराचार्य के चार मठों में से एक है. हाल ही में जोशीमठ में जमीन धंसने की खबरें आईं थी, जिसके बाद जोशीमठ सुर्खियों में आ गया था.
अक्टूबर में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के बाद मंगलौर विधानसभा सीट खाली हो गई थी. मंगलौर का ऐतिहासिक महत्व 10वीं शताब्दी की शुरुआत से है, जब चौहान वंश के मंगल सिंह ने यहां एक किला बनवाया था.
बद्रीनाथ और मंगलौर उपचुनाव में कुल 10 उम्मीदवार
बद्रीनाथ सीट
मुकाबला मुख्य रूप से भाजपा के राजेंद्र भंडारी के बीच है, जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस के बजाय भाजपा का दामन थामा है और उनका मुकाबला कांग्रेस के लखपत सिंह भुटोला से है. भुटोला कानून में स्नातकोत्तर हैं और चमोली जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष हैं.
अन्य उम्मीदवारों में सैनिक समाज पार्टी के हिम्मत सिंह नेगी और पूर्व पत्रकार नवल किशोर खली शामिल हैं. उत्तराखंड के निर्माण के पीछे की ताकत माने जाने वाले क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल ने बच्ची राम उनियाल को मैदान में उतारा है.
मंगलौर सीट
इस सीट पर हरियाणा के 'बाहरी' नेता करतार सिंह भड़ाना, कांग्रेस के पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन और बीएसपी ने सहानुभूति बटोरने के लिए दिवंगत विधायक सरवत करीम अंसारी के बेटे उबेदुर रहमान को मैदान में उतारा है. निर्दलीय उम्मीदवार सादिया जैदी और विजय कुमार कश्यप भी मैदान में हैं.
पॉलिटिकल बैकग्राउंड
बद्रीनाथ
2022 में बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर नौ उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे. तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र भंडारी, जो अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होंने भाजपा के मौजूदा विधायक महेंद्र भट्ट को करीब 2,000 वोटों से हराया था. महेंद्र भट्ट, जो अब राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, उन्होंने 2017 के आम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी को करीब 5,000 वोटों से हराया था. 2012 में कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी ने भी जीत दर्ज की थी, 2007 में भाजपा के केदार सिंह फोनिया ने चुनाव जीता था.
मंगलौर सीट
उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद से ही यहां काजी निजामुद्दीन 2002, 2007, 2017 में विधायक रहे हैं. जबकि बसपा के सरवत करीम अंसारी ने 2012 और 2022 में चुनाव जीता है. पिछले विधानसभा चुनाव में करीम ने काजी को मात्र 598 वोटों से हराया था. भाजपा ने मंगलौर सीट कभी नहीं जीती है. इस बार भाजपा ने हरियाणा के राजनेता करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा है, जो कभी भाजपा में नहीं रहे और अब उन्हें 'पैराशूट उम्मीदवार' कहा जा रहा है.
वोटर कम्पोजीशन
बद्रीनाथ
चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र एक सामान्य सीट है. इसमें 210 मतदान केंद्र होंगे, जिसमें 102,145 मतदाता और 2,566 सर्विस मतदाता हैं. बद्रीनाथ में 60%-63% मतदाता ठाकुर हैं, जबकि ब्राह्मण 33%-34% हैं, और अल्पसंख्यक 2%-3% हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में 65%-66% मतदान हुआ था, जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में 53%-54% मतदान हुआ था. जोशीमठ भू-धंसाव और बद्रीनाथ मास्टर प्लान के काम के साथ-साथ पीने के पानी की कमी, स्वास्थ्य सेवा कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर वोटिंग होगी. गढ़वाल सीट के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के अनिल बलूनी को बद्रीनाथ से कांग्रेस के गणेश गोदियाल से 8254 वोट अधिक मिले.
मंगलौर
उत्तराखंड में मंगलौर विधानसभा क्षेत्र राज्य के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. हरिद्वार जिले में स्थित यह लगभग 1,20,000 मतदाताओं वाली एक सामान्य श्रेणी की सीट है. मंगलौर मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र है, जिसमें लगभग 52,000 मुस्लिम मतदाता हैं, साथ ही 18000 दलित, 14000 जाट और 8000 गुज्जर भी हैं.
हाल के चुनावों में जातिगत डायनामिक्स ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, सड़क, किसान बिजली और आवासीय प्रमाण पत्र बड़े मुद्दे रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह रावत को मंगलौर से 44,100 वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार त्रिवेंद्र सिंह रावत को लगभग 21,000 वोट मिले. 132 मतदान केंद्रों वाले मंगलौर में 119,930 मतदाता हैं और 255 सर्विस वोटर हैं, जो 10 जुलाई को मतदान करेंगे.
अंकित शर्मा