आजतक धर्म संसद: 'जब प्रार्थना से बात न बने तो हथियार उठा लेना चाहिए', पहलगाम हमले पर बोले महंत केशव गिरि

आजतक धर्म संसद में रूद्रनाथ मंदिर चमोली के पुजारी हरीश भट्ट ने कहा, 'हमें पहले ये तय करना होगा कि तीर्थयात्रियों को बुला रहे हैं या पर्यटकों को. सरकार को यह निश्चित कर लेना चाहिए कि हम चाहते क्या हैं, तीर्थयात्रा या पर्यटन. तो रावल ज्योति प्रसाद उनियाल ने कहा कि हमारे संत-महात्मा, ऋषि-मुनि और सनातन धर्म से संबंध रखने वाले लोगों को जागना होगा. हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा.

Advertisement
रूद्रनाथ मंदिर चमोली के पुजारी हरीश भट्ट. रूद्रनाथ मंदिर चमोली के पुजारी हरीश भट्ट.

aajtak.in

  • ऋषिकेश,
  • 28 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

आजतक की धर्म संसद के 'महिमा चार धाम की' सत्र में यमुनोत्री धाम के रावल ज्योति प्रसाद उनियाल, रूद्रनाथ मंदिर चमोली के पुजारी हरीश भट्ट, यमुना घाटी हिंदू जागृति संगठन के प्रमुख केशव गिरि जी महाराज और केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित पवन शुक्ला ने शिरकत की.

रावल ज्योति प्रसाद उनियाल ने कहा कि हमारे संत-महात्मा, ऋषि-मुनि और सनातन धर्म से संबंध रखने वाले लोगों को जागना होगा. हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा. रील के क्रेज को लेकर सवाल पर रावल ज्योति ने कहा कि ब्रह्मा जी ने 10 पुत्रों को जन्म दिया लेकिन सृष्टि में आने के लिए तैयार नहीं हुए. मरीचि हरिद्वार में तपस्या कर रहे थे. ब्रह्मा ने भगवान विष्णु से माया ली और मरीचि माया के वशीभूत हो गए और वहीं से फिर सृष्टि चली.

Advertisement

पृथ्वी के 10 टुकड़ों के बराबर है हिमालय

उन्होंने कहा कि 70 फीसदी जल भाग है, 30 फीसदी हिस्सा पृथ्वी है. पृथ्वी के 10 टुकड़ों के बराबर हिमालय है. यह पांच भाग में बंटा हुआ है और यह भी रहस्य है. पांच प्रकार की प्रजाति यहां निवास करती है. प्योर उत्तराखंड में 33 प्रकार के देवता निवास करते हैं. गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच से लेकर प्रयाग तक मुक्ति स्थान कहा गया है. इसके बीच के लोग निश्चित रूप से मुक्ति को प्राप्त करेंगे. रावल ज्योति ने पहलगाम हमले को लेकर कहा कि हम दोराहे पर खड़े हैं. हमने राजनीति में धर्म को उलझा दिया है. राजनीति तर्क का विषय है, धर्म आस्था का. आस्था पर राजनीति हावी नहीं होना चाहिए. धर्म पर राजनीति हावी होगी तो वह विकृत हो जाएगा. आज वह हो रहा है. अंग्रेजों का शासन आया तो उन्होंने हमारी शिक्षा पद्धति को बदल दिया. एक शरीर में राक्षस प्रवृत्ति के लोग निवास करते हैं और स्वार्थ में इतने अंधे हो गए कि सांप बिच्छू को मिठाई मान बैठे हैं. हम धर्म का आचरण करते थे. 

Advertisement

'जिसने धर्म को समझ लिया, उसने ईश्वर...'

महंत केशव गिरि जी महाराज ने कहा कि धर्म के लिए लड़ना सभी चाहते हैं, लेकिन समझना कोई नहीं चाहता. जहां धर्म को समझने और स्वीकार करने की बात है, हम उससे पीछा छुड़ाने लगते हैं, भागने लगते हैं. जिसने धर्म को समझ लिया, उसने ईश्वर को समझ लिया. उन्होंने कहा कि धर्म से जुड़े रहते हैं तो पग-पग पर वह हमारी रक्षा करता है. धर्म को समझने के लिए हमें धार्मिक होना होता है. आसुरी और दैवीय प्रवृत्ति में जो संग्राम चल रहा है, इनको धर्म को समझना ही नहीं है तो धर्म कहां से इनके लिए खड़ा होगा. जो धर्म का ईश है, उसके लिए हमारा समर्पण ही नहीं है. जब उसके लिए निष्ठा नहीं होगी तो कहां से मानवों के लिए मानवीयता प्रकट होगी. उन्होंने कहा कि धर्म और विज्ञान साथी हैं, दुश्मन नहीं. ईश्वर हैं, ये धर्म है. वह जब अवतार ले लेते हैं, तो वह विज्ञान का विषय है. विज्ञान हमें उससे मिलाने का काम करता है. ये एक-दूसरे का ही पहलू है.

यह भी पढ़ें: 'गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ धाम है हिमालय का मुकुट...', आजतक धर्म संसद में बोले गायक प्रीतम भरतवाण

'सनातन पर हमला है पहलगाम अटैक'

Advertisement

महंत केशव गिरि जी महाराज ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम की घटना को लेकर सवाल पर कहा कि ये व्यक्ति विशेष नहीं, सनातन पर हमला है. आज ये फूल देने की बात नहीं है. अगर ये फूल देने से मान जाते. जब प्रार्थना से बात न बने तो हथियार उठा लेना चाहिए. ऐसा हमारा देश रहा है. ये शक्ति प्रधान देश है. चार धाम हमारे उत्तराखंड में है, देश में है. थूक जिहाद करने वाले, लव जिहाद करने वाले आतंकी इस्लाम से ही कैसे पनपते हैं. उस इस्लाम को हम कैसे छोड़ दें. चार धाम यात्री घूमने, पिकनिक मनाने नहीं आए हैं. जब उनको दिखता है कि सामने मजार बनी है, मस्जिद बनी है. मौलवी नमाज पढ़ रहे हैं, कलमा पढ़ रहे हैं तो उनका धर्म टूटता है. देवभूमि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के मार्ग पर एक भी इस्लामिक बर्दाश्त नहीं होगा. ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाना चाहिए.

'युवाओं में है उत्साह'

केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित पवन शुक्ला ने कहा कि आज बाबा केदार की उत्सव डोली है. उन्होंने कहा कि हम सब अपने दादा-दादी से सुना करते थे कि लोग इन धामों की ओर प्रस्थान तभी करते थे जब वे अपने सभी कार्यों से मुक्त हो जाया करते थे. अब युवा पीढ़ी ज्यादा उत्साह दिखा रही थी और यह भी एक वजह है कि केदारनाथ धाम में भीड़ बढ़ गई है. उन्होंने पहलगाम की घटना को लेकर कहा कि दूसरे व्यक्ति की जान ले रहे हैं, या तो आपको धर्म का ज्ञान नहीं है या दूसरे धर्म के प्रति आपको इतनी नफरत है. धार्मिक कट्टरता को लेकर सवाल पर पवन शुक्ला ने कहा कि पहलगाम की जो घटना है, वह अपने आप में कट्टरता को ही प्रदर्शित करती है. यह एक सोच का विकार है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: आजतक धर्म संसद: 'बौद्ध धर्म कलयुग का, बद्रीनाथ में सतयुग से विराजमान हैं भगवान', मठ तोड़कर मंदिर बनाने वाले बयान पर क्या बोले बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी

हम तीर्थयात्री बुला रहे हैं या पर्यटक?

हरीश ने मोक्ष को लेकर सवाल पर कहा कि सबसे पहले पांडव यहां आए. महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने उनसे कहा कि गोत्र हत्या के पाप से मुक्ति तब मिलेगी जब आप भगवान शिव के दर्शन करेंगे. उन्होंने पैटर्न में आए बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखंड के एक-एक कण का अपना इतिहास है. इसी भूमि पर विवेकानंद आए. इसी भूमि से गंगा निकलती हैं. भागीरथ भी आए और तप किया. न हम तीर्थ को समझ पा रहे थे, ना पर्यटन को समझ पा रहे हैं. योग नगरी है ऋषिकेश, हरिद्वार के बाद हिमालय की ओर जाएंगे. इसे सरकार को समझना पड़ेगा. उन्होंने पहलगाम हमले को लेकर कहा कि कलाम बनोगे तो इज्जत मिलेगी, सब कुछ मिलेगा. हम पूरे विश्व के कल्याण की बात करते हैं. कोई भी धर्म निकाल कर देख लो, गीता के गुण उसमें मिलेंगे. पहलगाम जैसी घटना कोई धर्म नहीं हो सकता.
 
उन्होंने आगे कहा कि हमें पहले ये तय करना होगा कि तीर्थयात्रियों को बुला रहे हैं या पर्यटकों को. सरकार को यह निश्चित कर लेना चाहिए कि हम चाहते क्या हैं, तीर्थयात्रा या पर्यटन. शराब का विरोधी नहीं हूं, लेकिन करोड़ों रुपये से विवेकानंद गेट है और उसके नीचे ही शराब की दुकान है. रूद्रनाथ यात्रा सबसे कठिन यात्रा है. गाइड करके सब को भेजा जाए.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement