पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बड़ा मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले इमरान मसूद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का दामन थाम सकते हैं. इमरान मसूद आज यानी 19 अक्टूबर को बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात कर सकते हैं. मायावती से मुलाकात के बाद इमरान आधिकारिक रूप से बसपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं.
इमरान मसूद के करीबी सूत्रों की मानें तो सहारनपुर से बसपा इमरान मसूद को चुनाव मैदान में उतारेगी, ये भी तय हो चुका है. इमरान मसूद के करीबी कह रहे हैं कि मायावती को भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े मुस्लिम चेहरे की तलाश है और इमरान उनके लिए मुफीद विकल्प हैं. इमरान मसूद का अपना जनाधार है और मुस्लिम वोटरों के बीच भी उनकी तगड़ी पैठ है.
इमरान मसूद के करीबियों का कहना है कि अगर सहारनपुर में दलित-मुस्लिम मतदाता साथ आ गए तो यह इस सीट से जीत की गारंटी जैसा होगा. ऐसे में इमरान मसूद और बसपा, दोनों के लिए यह गठजोड़ मुफीद है. इमरान मसूद के साथ एक और बात ये है कि उन्हें हर जाति-धर्म-वर्ग से समर्थन मिलता रहा है. ऐसे में दलित मुस्लिम और थोड़े बहुत अन्य वर्गों के वोट मिल जाएं तो इमरान मसूद के लिए जीत के दरवाजे खुल जाते हैं.
सपा से क्यों भंग हुआ इमरान मसूद का मोह
इमरान मसूद के मुताबिक वे बड़ी उम्मीदों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे. उनकी उम्मीदें टूट गईं. इमरान मसूद ने कहा था कि सपा ने न तो उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दिया और ना ही विधान परिषद चुनाव के लिए ही योग्य समझा. ऐसे में बहुत लंबे समय तक सपा में बने रहना मुश्किल है. कहा ये भी जा रहा है कि इमरान मसूद और मायावती की मुलाकात में सिर्फ सहारनपुर की ही बात नहीं होगी, आसपास की कई सीटों को लेकर भी चर्चा होगी.
इमरान मसूद आसपास के कई जिलों में अच्छी पकड़ रखते हैं. इमरान मसूद ने सहारनपुर के साथ ही अपने करीबियों के लिए कई अन्य सीटों पर भी दावेदारी की है ऐसे में उनकी मायावती के साथ होने वाली मुलाकात को अहम माना जा रहा है. गौरतलब है कि इमरान मसूद कांग्रेस में रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर सुर्खियों में आए थे.
पश्चिमी यूपी के सबसे कद्दावर मुस्लिम नेताओं में गिने जाते रहे इमरान मसूद चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में इमरान मसूद ने सपा का दामन थामा था लेकिन उन्हें न तो विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया और ना ही विधान परिषद चुनाव में ही. सपा में उपेक्षा से आहत इमरान मसूद अब बसपा में शामिल हो सकते हैं.
कुमार अभिषेक