Y कैटेगरी की सुरक्षा क्यों, अखिलेश से कब 'तलाक'... ये बोले ओमप्रकाश राजभर

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर को वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी है. कहा जा रहा है कि राजभर को राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देने के ऐवज में यह सुरक्षा उन्हें दी गई है.

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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर.

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 22 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:47 PM IST
  • योगी सरकार ने राजभर को दी वाई कैटेगरी की सुरक्षा
  • सपा नेता ने राजभर पर साधा निशाना

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के चीफ ओमप्रकाश राजभर को यूपी की योगी सरकार ने वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी है. चर्चा है कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देने के एवज में यह सुरक्षा उन्हें दी गई है. इसके साथ ही इसे यूपी की सियासत और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि अब इसको लेकर ओमप्रकाश राजभर ने खुद सफाई दी है.

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सुभासपा के अध्यक्ष ने कहा, 'पिछले दो साल में मेरे ऊपर लखनऊ से लेकर गाजीपुर-बनारस तक कई बार हमले हुए. मैंने इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज करवाई. इसकी सूचना लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय को दी गई. मुझे करीब 25 दिन पहले बताया गया कि इस मामले में कार्रवाई हो रही है और गृह मंत्रालय मुझे सुरक्षा देने जा रहा है.'

वाई कैटेगरी की सुरक्षा को राष्ट्रपति चुनाव से जोड़ने के सवाल पर राजभर ने कहा, 'हमसे किसी ने वोट नहीं मांगा. न अखिलेश यादव ने मांगा, न यशवंत सिन्हा ने. ऐसी स्थिति में गृहमंत्री ने अपील की. शिवपाल ने कहा था कि जो सच्चे समाजवादी हैं, वह द्रौपदी मुर्मू को वोट करेंगे. जब मैं मिला था तो उन्होंने बताया था कि कौन-कौन द्रौपदी मुर्मू को वोट करेगा. हमें पता था कि कौन-कौन क्रॉस वोटिंग करेगा. अखिलेश यादव ने जरूर मेरी सुरक्षा को लेकर सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी से पत्र लिखवाकर शासन को भिजवाया था.'

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समाजवादी पार्टी से रिश्ते पर राजभर ने कहा, 'जिस दिन अखिलेश तलाक दे देंगे, उसी दिन हम कबूल करेंगे. तलाक लेने के बाद बहुजन समाज पार्टी जिंदाबाद, उसके बाद कांग्रेस है. नए-नए गोल बनने वाले हैं. प्रदेश में विकल्प भी तैयार हो रहा है. आजमगढ़ उपचुनाव के दौरान वहां मैं 12 दिनों तक जूझता रहा. मैंने महसूस किया कि अगर अखिलेश गए होते तो चुनाव जीत जाते. उसका अर्थ निकाला गया कि ओमप्रकाश राजभर गलत बोल रहे हैं. यह बात उनके नेता भी कह रहे हैं, लेकिन जो बोलते हैं, वह उन तक पहुंच नहीं पाते.'

मंत्री और अफसरों के बीच लड़ाई पर ये बोले

योगी सरकार में मंत्रियों की नाराजगी के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा, 'मंत्री अपने अधिकारी के साथ तालमेल बनाकर काम करें. मैं भी 18 महीने तक मंत्री था, लेकिन कहीं से उंगली नहीं उठी. आज भी मैं जिस जिले में जाता हूं, दोनों विभाग के मंत्री, अधिकारी मिलने आते हैं. गलती एक तरफ से नहीं होती है, ताली एक हाथ से नहीं बजती है.'

सपा नेता ने राजभर पर कसा तंज

ओमप्रकाश राजभर को वाई कटैगरी की सुरक्षा मिलने पर समाजवादी पार्टी के नेता उदयवीर सिंह ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में सरकार की मदद की है तो उनको सुरक्षा मिलनी भी चाहिए. बीजेपी के लोगों ने ही उन पर गाजीपुर-बनारस में हमला किया था. योगी सबको तो समझा नहीं सकते. अपने कार्यकर्ताओं की मानसिकता को बदल नहीं सकते तो उन्होंने राजभर को सुरक्षा दे दी, ताकि कार्यकर्ताओं से उनकी रक्षा हो सके.

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उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने भी ओमप्रकाश राजभर के लिए पत्र लिखा था. राजभर के साथ-साथ औरों के लिए भी पत्र लिखा था तो क्या वोट के बदले यह वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है? अगर अखिलेश यादव के पत्र पर यह सुरक्षा मिली है तो औरों को भी सुरक्षा मिलनी चाहिए.

अलायंस को लेकर पूछे गए सवाल पर सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि गठबंधन से बाहर करने का अभी कोई समय नहीं है. जब कोई चुनाव होगा सीटों का बंटवारा होगा, तब बैठक होगी. राजभर अपनी लाइन बदल रहे हैं. यह उन्हें बताना है कि वह कितने दूर चले गए हैं. हमने जो गठबंधन बनाया था, वह वैचारिक आधार पर था. अगर ओमप्रकाश के बीजेपी में जाने से दलितों शोषितों की बातें सुनी जाती हैं तो वह पहले भी बीजेपी की सरकार में मंत्री रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राजभर हमसे एकतरफा नफरत कर रहे हैं, हमने कभी कोई उनके लिए कोई बात नहीं कही. ठीक उसी तरह से बीजेपी के शीर्षस्थ नेताओं ने राजभर के पक्ष में कुछ नहीं बोला है. उनकी भाजपा से एकतरफा मोहब्बत और हमसे एकतरफा नफरत जारी है.

योगी सरकार को भी निशाने पर लिया

योगी सरकार के मंत्रियों की नाराजगी को लेकर पूछे गए सवाल पर उदयवीर सिंह ने कहा कि नेता ये सोचते हैं कि उनका निर्णय लागू होना चाहिए, क्योंकि वह मंत्री हैं. भाजपा ने पैसे के दम पर सरकार बनाई है, तो इसलिए यह दिक्कत होती है. एक हफ्ते के भीतर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे धंस गया, इससे ज्यादा शर्म की कोई बात नहीं हो सकती. विभाग के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी कह रहे हैं कि क्वालिटी टेस्ट है, लेकिन एक आम आदमी की तो कार टूट गई.

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उन्होंने कहा, 'यूपी सरकार में बंदरबांट को लेकर झगड़ा है. अफसर कहते हैं कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर हमें नियुक्त किया गया है. नेता सोचते हैं कि हम मंत्री हैं, हम चुनकर आए हैं. अखिलेश ने जो एक्सप्रेस-वे बनवाया था, वो आज भी सबसे मजबूती से इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन नंदी शर्मनाक बयान दे रहे हैं.'

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