SC में गुहार लगाने वाले का घर गिराने के लिए नपा अध्यक्ष ने भेज दिए सैकड़ों सफाईकर्मी, जानिए क्या है पूरा मामला

यूपी के महराजगंज की सिसवा नगर पालिका परिषद में उस समय हंगामा हो गया जब पालिका अध्यक्ष के आदेश पर सफाईकर्मियों की टीम रोशन कुमार मद्धेशिया का घर गिराने के लिए भेज दी गई. दरअसल रोशन ने हाई कोर्ट के एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बताया जा रहा है कि इससे खफा होकर नपा अध्यक्ष ने ऐसा किया है.

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महराजगंज की सिसवा नगर पालिका परिषद का है मामला महराजगंज की सिसवा नगर पालिका परिषद का है मामला

अमितेश त्रिपाठी

  • महराजगंज,
  • 22 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:47 AM IST

यूपी के महराजगंज की सिसवा नगर पालिका परिषद इन दिनों सुर्खियों में है. अब एक और घटना से यह फिर चर्चा में है.  सिसवा नगर पालिका में अतिक्रमण के आरोप में एक घर को गिराने के लिए सफाईकर्मियों को भेज दिया गया. यह आदेश किसी और ने नहीं बल्कि वहां के नपा अध्यक्ष ने ही दिया. जिस शख्स का घर गिराने के लिए टीम गई थी, उसने सुप्रीम कोर्ट में नपा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने के लिए याचिका दाखिल की हुई है. 

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दरअसल नगर पंचायत से नगर पालिका बने सिसवा बाजार में हुए मध्यावधि चुनाव को नपा अध्यक्ष उप चुनाव मानने को तैयार नहीं हैं. हाई कोर्ट ने नपा अध्यक्ष की याचिका पर पांच साल कार्यकाल पूरा करने का आदेश दिया है. वहीं इस फैसले के खिलाफ सिसवा निवासी रोशन कुमार मद्धेशिया ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुग्रह याचिका दाखिल कर दी, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार समेत सभी पक्षों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. इस मामले में अब 12 दिसंबर को सुनवाई होनी है. इसी के बाद से ही सिसवा में घमासान शुरू हो गया है. 

SDM ने भेजी पुलिस, नपा टीम वापस लौटी

जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में जब जिस समय रोशन कुमार की एसएलपी स्वीकार हुई, उसके दो घंटे के भीतर नपा अध्यक्ष ने याचिका दाखिल करने वाले रोशन कुमार मद्धेशिया के घर पर अतिक्रमण का नोटिस चस्पा करा दिया और वह सोमवार को बिना मजिस्ट्रेट व पुलिस फोर्स के करीब डेढ़ सौ सफाई कर्मियों को घर गिराने भेज दिया. इस दौरान अधिशासी अधिकारी भी मौजूद नहीं थे. इसके बाद वहां हंगामा हो गया.

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मामला संज्ञान में आने के बाद एसडीएम निचलौल सत्यप्रकाश मिश्र ने सीओ व कोठीभार पुलिस को मौके पर भेजा और कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया. वहीं बहस के बाद नपा की टीम वापस लौट गई. इस मामले में एसडीएम का कहना है कि बिना मजिस्ट्रेट नगर पालिका सिसवा कर्मी अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस भेजी गई थी. टीम वापस लौट गई है. इस मामले में आलाधिकारियों को जानकारी दे दी गई है.

हाई कोर्ट ने कहा- कार्यकाल पूरा करने का हक

सिसवा बाजार नगर पालिका का गठन होने के कारण नगर पंचायत को भंग कर दिया गया था. इसके बाद मार्च में चुनाव हुआ था. नगर पालिका के गठन के बाद पांच साल कार्यकाल पूरा करने के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष शकुंतला देवी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

मामले में 12 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने शकुंतला देवी की याचिका को स्वीकार करते हुए चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के लिए परिसीमन कराने की अधिसूचना रद कर दी थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि 13 मार्च 2022 को हुए सिसवा बाजार नपा परिषद का चुनाव का कार्यकाल पहली बैठक से पांच साल का होगा और उसे कार्यकाल पूरा करने का हक है. 

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कराया गया चुनाव, उपचुनाव है: याचिकाकर्ता

सिसवा बाजार के याचिकाकर्ता रोशन मद्धेशिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि सिसवा बाजार नगर पालिका परिषद का मार्च में उपचुनाव हुआ था, इसलिए अब प्रदेश के सभी नगर पालिका परिषद के होने वाले आम चुनाव के साथ सिसवा नगर पालिका परिषद का चुनाव भी होना चाहिए. हाई कोर्ट का उस चुनाव को उप चुनाव नहीं मानने का आदेश ठीक नहीं है. सिसवा बाजार नगर पालिका परिषद का गठन नगर पंचायत को भंग कर उप चुनाव के जरिए हुआ है. ऐसे में उसके कार्यकाल सिर्फ नगर पंचायत के बचे हुए कार्यकाल दिसंबर 2022 तक ही होगा. उसका चुनाव भी अन्य नगर पालिका परिषद के साथ होना चाहिए.

HC के आदेश पर फिलहाल नहीं लगी रोक

रोशल मद्धेशिया की विशेष अनुग्रह याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए यूपी सरकार और संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर दी है, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश जारी नहीं किया है. शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इस बीच अन्य नगर पालिकाओं के चुनाव की अधिसूचना जारी होती है और उसमें सिसवा बाजार का नाम नहीं होता तो याचिकाकर्ता मामले में अर्जी दाखिल कर कोर्ट के समक्ष उसे मेंशन कर सकते हैं.

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