दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा के किसानों के लिए खुशखबरी और फ्लैट खरीदारों के लिए ये बुरी खबर है. अगर आप बिल्डर को फ्लैट की पूरी रकम देकर रजिस्ट्री भी करा चुके हैं, उसके बाद भी आपको एक बार फिर से बिल्डर को एक-डेढ़ लाख से ज्यादा रुपये देने पड़ सकते हैं. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर को यह अतिरक्त रकम जमा कराने के आदेश जारी किए हैं. किसान अतिरिक्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं, इसलिए अथॉरिटी ने ये आदेश जारी किए हैं. साथ ही अथॉरिटी ने इंडस्ट्रियल एरिया के लिए भी इसी तरह के आदेश जारी किए हैं.
ग्रेटर नोएडा के प्रभावित किसानों का आरोप है कि इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के नाम पर उनसे उनकी जमीन ली गई थी उसी के हिसाब से उन्होंने मुआवजा भी स्वीकार किया था, लेकिन कुछ समय बाद इंडस्ट्री के नाम पर ली गई जमीन का यूज बदलकर ग्रुप हाउसिंग स्कीम के तहत बिल्डर्स को जमीन का आवंटन कर दिया गया. कोर्ट गए किसानों का आरोप था कि लैंड यूज बदलकर ऊंचे दाम पर बिल्डर्स को जमीन बेची गई. बिल्डर्स भी फ्लैट बनाकर महंगे दाम पर बेच रहे हैं. ऐसे में जब सब मुनाफा कमा रहे हैं तो किसानों को क्यों नहीं उनकी जमीन का उसी बदले हुए रेट से मुआवजा मिलना चाहिए.
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ग्रेटर नोएडा में जमीन देने वाले किसानों ने अतिरिक्त मुआवजे की मांग की थी. यह मामला कोर्ट में भी जा चुका है. इसी के चलते ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी रेसिडेंशियल, इंस्टीट्यूशनल और कमर्शियल एरिया में पहले ही अतिरिक्त मुआवजे के लिए आदेश जारी कर चुका था. काफी लोगों से अतिरिक्त मुआवजे की वसूली भी हुई है. अब अथॉरिटी ने इंडस्ट्रियल एरिया और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के तहत जमीन लेने वाले बिल्डर्स को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. नोटिस में अतिरिक्त मुआवजा अथॉरिटी में जमा कराने के आदेश दिए गए हैं. यही मुआवजा अतिरिक्त मुआवजे की मांग करने वाले किसानों में वितरित किया जाएगा.
2019 में भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया और आदेश आने के बाद बिल्डर कोर्ट चले गए थे और आज लंबे अरसे के बाद कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद अब कोर्ट ने अतिरिक्त मुआवजे की वसूली का फैसला ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर ही छोड़ दिया है. इसके बाद ही अथॉरिटी ने इंडस्ट्रियल एरिया में 478 रुपये प्रति वर्गमीटर और बाकी सभी एरिया में 1769 रुपये प्रति वर्गमीटर अतिरिक्त मुआवजा जमा कराने के आदेश जारी किए हैं.
भूपेन्द्र चौधरी