अब्दुल जमील धर्म बदलकर बने श्रवण कुमार, साले ने मारपीट की तब भी नहीं बदला इरादा

Fatehpur News: मुस्लिम से हिंदू बनने वाले अब्दुल जमील के परिवार में पत्नी समेत तीन बेटियां और एक बेटा है. एक बेटी इंजीनियर है तो दूसरी डॉक्टर है जबकि अब्दुल जमील की बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है. वहीं, बेटा दिल्ली में पायलट का कोर्स कर रहा है.

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फतेहपुर के अब्दुल जमील बने श्रवण कुमार फतेहपुर के अब्दुल जमील बने श्रवण कुमार

नीतेश श्रीवास्तव

  • फतेहपुर ,
  • 22 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:44 AM IST
  • UP के फतेहपुर में बदला मुस्लिम ने धर्म
  • सनातन धर्म अपनाकर नाम रखा श्रवण कुमार
  • रेलवे की नौकरी से रिटायर्ड हैं अब्दुल जमील

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक रिटायर्ड मुस्लिम रेलकर्मी सनातन धर्म अपनाकर चर्चा में है. नए नामकरण के बाद 68 साल के अब्दुल जमील को अब श्रवण कुमार के नाम से जाना जाएगा. वह काफी दिनों से सनातन धर्म अपनाने की कोशिश कर रहे थे और इसका काफी उन्हें विरोध भी झेलना पड़ा था. लेकिन अब हवन-पूजन के बाद वह हिंदू बन गए हैं और समाज के लोगों ने उनका फूलमाला पहनाकर स्वागत भी किया.  

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अब्दुल जमील उर्फ श्रवण कुमार के मुताबिक, ''मैं कई दिनों से सोच रहा था कि हिंदू धर्म अपना लूं, आज हिंदू धर्म अपनाया है. इस धर्म को अपनाने के लिए मुझे काफी प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी.''

धर्म परिवर्तन करने का सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल जमील के साले और सलहज ने किया, लेकिन फिर वह अपने फैसले से डिगे नहीं. फिलहाल पत्नी और बच्चों ने इसका विरोध नहीं किया है. उन्होंने कहा है कि अगर आगे से कोई उसे ऐसी दिक्कत आती है, तो इसकी शिकायत अधिकारियों से करेंगे. 

बता दें कि अब्दुल जमील प्रदेश के हाथरस जिले के साईदा बाग के रहने वाले हैं. नौकरी के सिलसिले में उन्हें फतेहपुर आना पड़ा और उसकी शादी भी शहर के देवीगंज मोहल्ले में हो गई. उन्होंने रेलवे में मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक के पद पर 20 साल नौकरी की. बाद में उनका ट्रांसफर शिकोहाबाद हो गया, जहां वह 18 साल की नौकरी के बाद वह रिटायर हो गए.

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अब्दुल जमील के परिवार में पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा है. पत्नी अपनी बेटियों के साथ लखनऊ में रहती है जबकि अब्दुल जमील उर्फ श्रवण कुमार फतेहपुर में रहते हैं. उनका कहना है कि अपने मुस्लिम धर्म के क्रियाकलापों से आजिज आकर उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया और अब उन्हें मन की शांति मिली है.  

वहीं, अब्दुल जमील ने यह भी कहा कि काफी दिनों से वह अपने घर पर श्रीराम चंद्र जी की तस्वीर रखे हुए थे. घर पर मौजूद साले और सलहज पूजा-पाठ को लेकर उनका विरोध भी करते थे, लेकिन वह नहीं माने और रोज राम भगवान की पूजा करने लगे. यही नहीं, हिंदू धर्म के सभी धार्मिक कार्यक्रमों में उसकी सहभागिता हमेशा रहती थी.  

 

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