UP: मिड-डे-मील के दूध में मिली मरी छिपकली, 40 बच्चे पड़े बीमार, ग्रामीणों ने काटा बवाल

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में मिड-डे-मील का दूध पीने की वजह से 40 बच्चे बीमार पड़ गए. दूध में मरी हुई छिपकली मिली थी. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा. इस मामले को लेकर डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.

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दूध पीने से चालीस बच्चे पड़े बीमार दूध पीने से चालीस बच्चे पड़े बीमार

अरविंद मोहन मिश्रा

  • सीतापुर,
  • 13 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:04 AM IST

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक प्राथमिक स्कूल में मिड-डे मिल खाने के बाद 40 बच्चे बीमार हो गए हैं. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बच्चों को दिए जाने वाले दूध में मरी हुई छिपकली पाई गई है. खाना बनाने वाले रसोइये को इसकी जानकारी तब हुई, जब वह बच्चों को दूध देकर भगौने को खाली कर रहा था.

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मगर, तब तक काफी देर हो चुकी थी. बच्चे वह दूध पी चुके थे. स्कूल में मौजूद बच्चों ने दूध में छिपकली के अवशेष को देखकर बवाल शुरू कर दिया और परिजनों को भी इसकी सूचना दे दी. शिक्षकों की सूचना पर डॉक्टरों ने स्कूल पहुंचकर बच्चों की जांच पड़ताल की. मामला गोंदलामऊ ब्लॉक के ग्राम पंचायत गोपालपुर पश्चिमी के कंपोजिट विद्यालय का है.

दरअसल बुधवार की दोपहर को स्कूल में बच्चों को मिड डे मिल योजना के तहत मिलने वाले दूध को रसोइये ने उबाला और बच्चों में बांटना शुरू किया. जानकारी के मुताबिक रसोइया द्वार दूध देने के बाद जब भगौना खाली हुआ तो उसमें मरी हुई छिपकली मिली जिसे देखकर बच्चों ने हंगामा शुरू कर दिया.

तुरंत डॉक्टर को बुलाकर कराई गई बच्चों की जांच

छिपकली का पता चलने से पहले ही छात्र अभिषेक, सुनील, अर्पित, शुभम, मंजेश, दीपाली, मोहिनी, ममता, नैंसी और अंजली ने दूध पी लिया था. स्कूल के टीचरों को जब इसकी जानकारी हुई, तो सीएचसी के डॉक्टरों को तुरंत बुलाकर बच्चों की जांच करवाई गई.

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डॉक्टरों ने बच्चों का चेकअप किया और उन्हें दवा भी दी. स्कूल से लौटने के बाद कुछ बच्चों की तबियत में सुधार नहीं होने पर परिजनों ने स्कूल पहुंचकर बवाल काटा. हंगामा होने के बाद करीब 40 बच्चों को एंबुलेंस की मदद से सीएचसी भेजा गया जहां उनका उपचार चल रहा है. 

डीएम ने दिए जांच के आदेश 

घटना को लेकर डीएम अनुज सिंह का कहना है कि बच्चों की हालत अब खतरे से बाहर है. प्राथमिक उपचार के बाद सभी को घर रवाना कर दिया गया और बच्चों के लिए डॉक्टरों की एक टीम निगरानी में लगी हुई है.

उन्होंने कहा कि यह मामला बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. जिलाधिकारी ने कहा, "इस मामले में एबीएसए और बीओ दोनों अधिकारियों को जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है."


 

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