कोरोना वायरस की महामारी नतेज रफ्तार से फैल रही है. हर रोज नया रिकॉर्ड बना रहे कोरोना का असर सरकारी और गैर सरकारी कामकाज पर साफ दिखाई दे रहा है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा की बात करें तो यहां भी प्राधिकरण और तमाम प्रशासनिक दफ्तरों में अधिकारी और कर्मचारी कोरोनावायरस संक्रमण के शिकार हैं. इसके चलते सरकारी कामकाज पर भी विपरीत असर पड़ रहा है.
कई प्रोजेक्ट फिलहाल रुक गए हैं जिसमें यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की आवासीय और औद्योगिक भूखंड की योजना भी शामिल है. इस योजना का ड्रॉ टलने से बड़ा पेंच फंस गया है. इन स्कीम में आवेदन करने वाले करीब 25 हजार आवेदकों के लाखों रुपये फिलहाल फंस गए हैं. अब भूखण्ड का ड्रॉ कब होगा, इसके बारे में स्थिति अभी साफ नहीं है. प्राधिकरण के अधिकारी भी इसे लेकर कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं.
गौरतलब है कि यमुना प्राधिकरण ने तेजी से विकास योजनाएं शुरू की थीं जिसमें जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी और हेरिटेज सिटी जैसी बड़ी योजनाएं शामिल थीं. यहां बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा था. यमुना प्राधिकरण की इन स्कीम में आवेदकों ने भूखंड की कुल कीमत का 10 फीसदी रजिस्ट्रेशन के समय प्राधिकरण में जमा करना था. हजारों आवेदकों ने रजिस्ट्रेशन का पैसा भी फाइनेंस कराया है. अब ऐसे आवेदकों को ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ रहा है.
बता दें कि यमुना प्राधिकरण ने मार्च में ही 440 आवासीय भूखण्ड की योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत 60 वर्ग मीटर से लेकर 2000 और 4000 वर्ग मीटर के प्लॉट शामिल हैं. इन भूखंडों का ड्रॉ करने के लिए 5 मई की तिथि तय की गई थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण ड्रॉ को टाल दिया गया. आवासीय भूखंडों के अलावा यमुना प्राधिकरण ने 24 फरवरी 2021 को औद्योगिक भूखण्ड स्कीम लॉन्च किया था.
औद्योगिक भूखण्ड स्कीम के तहत 367 भूखण्ड हैं. इस योजना के तहत 4450 लोगों ने आवेदन किया है. पहले इसका ड्रॉ 15 अप्रैल को किया जाना था लेकिन कोरोना के कारण तिथि बढ़ाकर 26 अप्रैल की गई थी. कोरोना महामारी के कहर को देखते हुए अब प्राधिकरण ने ड्रॉ को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है.
तनसीम हैदर