मुख्यमंत्री अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट में आई कनाडा से बोट, जानें एशिया के सबसे बड़े पार्क की खूबी

पैडल बोटिंग के दौरान लोगों को लाइफ जैकेट पहननी पड़ेगी. झील गहरी होने के कारण इसमें किसी दूसरी तरह की क्रिया करने पर पूरी तरह से बैन रहेगा. आपको बता दें कि जनेश्वर मिश्र पार्क में करीब ढाई करोड़ की लागत से बनी गंडोला नाव मंगाई गई थी.

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जनेश्वर मिश्र पार्क में पैडल बोट का इंतजाम किया गया जनेश्वर मिश्र पार्क में पैडल बोट का इंतजाम किया गया

सना जैदी / अनूप श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 29 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 4:26 AM IST

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट और एशिया के सबसे बड़े पार्क कहे जाने वाले जनेश्वर मिश्र पार्क में पर्यटकों के लिए एक नई सुविधा प्रदान की गई है. इस पार्क में लगातार बढ़ रहे पर्यटकों को देखते हुए उनके लिए पैडल बोट का इंतजाम किया गया है. यह बोट कनाड़ा से मंगाई गई है.

पैडल बोटिंग के दौरान लोगों को लाइफ जैकेट पहननी पड़ेगी. झील गहरी होने के कारण इसमें किसी दूसरी तरह की क्रिया करने पर पूरी तरह से बैन रहेगा. आपको बता दें कि जनेश्वर मिश्र पार्क में करीब ढाई करोड़ की लागत से बनी गंडोला नाव मंगाई गई थी. पार्क में करीब 10 गंडोला नाव हैं. जिन्हें चीन से मंगाया गया है.

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पार्क में ये चीजें हैं खास
जनेश्वर मिश्र पार्क 376 एकड़ में करीब 300 करोड़ की लागत से बनाया गया है. पार्क में न केवल बहुत लंबी झील बनाई गई है, बल्कि यहां पर बच्चों के लिए किड्स जोन, ओपन जिम, प्रदेश का सबसे ऊंचा तिरंगा, टैंक और फाइटर जेट भी लगाया गया है. फिलहाल पार्क में जाने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है. माना जाता है कि रविवार के दिन इस पार्क में जाने वाले लोगों की भीड़ 1 लाख तक पहुंच जाती है.

पार्क को लंदन के हाइड पार्क की तर्ज पर विकसित किया गया
राजधानी लखनऊ में जेनेश्वर मिश्रा पार्क अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है. वह इसे हर संभव बड़ा बनाने में लगे हुए हैं. अखिलेश ने इस पार्क का निर्माण अपने पिता के कहने पर शुरू किया था. इस पार्क को एशिया का सबसे बड़ा गार्डेन होने का भी दर्जा प्राप्त है. वर्ष 2012 में इस पार्क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. पार्क को लंदन के हाइड पार्क की तर्ज पर विकसित किया गया है. पार्क तकरीबन 376 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है.

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बोटिंग के दौरान पहननी पड़ेगी जैकेट
जनेश्वर मिश्र पार्क में पेडल बोट को कनाडा और जेटी को ताइवान से मंगाया गया है. बोटिंग का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा. बोटिंग के दौरान सुरक्षा के नजरिये से लाइफ जैकेट पहननी जरूरी होगी. गौरतलब है कि जनेश्वर मिश्र पार्क करीब 376 एकड़ में फैला है, जिसे करीब 300 करोड़ की लागत से बनाया गया है. पार्क में बच्चों के लिए किड्स जोन, ओपन जिम, प्रदेश का सबसे ऊंचा तिरंगा, टैंक और फाइटर जेट आकर्षण का केंद्र हैं.

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