समाजवादी पार्टी से रामपुर शहर सीट से विधायक चुने गए आजम खान और कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन जेल में है, इसलिए वे दोनों फिलहाल विधानसभा सदस्य के तौर पर अभी शपथ नहीं ले पाएंगे. क्या है जेल में बंद जनप्रतिनिधि के शपथ लेने का प्रावधान और जब तक शपथ नहीं लेंगे, जनप्रतिनिधि के अधिकारों पर क्या असर होगा?
रामपुर सदर सीट से समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक आजम खान जौहर विश्वविद्यालय के जमीन घोटाले में सीतापुर जेल में बंद है तो वहीं कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन को भी चुनाव के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. आजम खान और नाहिद हसन चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन जेल में बंद है.
जेल में बंद आजम खान और नाहिद हसन को दो ही तरीके से शपथ ले सकते हैं.
पहला नियम यह है कि नवनिर्वाचित विधायक शपथ ग्रहण करने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगे. कोर्ट शपथ ग्रहण करने के लिए सदन में जाने की अनुमति दे, तब नवनिर्वाचित विधायक सदन में जाकर शपथ ले सकता है.
जेल में बंद विधायक को अगर अदालत परमिशन नहीं देती है तब दूसरा तरीका विधानसभा अध्यक्ष या प्रोटेम स्पीकर जेल में बंद विधायक को सदन में पेश करने का आदेश दें, तब नवनिर्वाचित विधायक को सदन में पेश कर शपथ दिलाई जा सकती है, लेकिन यह तरीका अमूमन सत्तारूढ़ दल के विधायक के लिए ही अपनाया जाता है.
विधानसभा अध्यक्ष या प्रोटेम स्पीकर विपक्षी दल के जेल में बंद विधायक को भी सदन में लाकर शपथ ग्रहण कराने का आदेश दे और कोर्ट विधायक को सदन में जाने की अनुमति न दे, तब विधानसभा अध्यक्ष के इस आदेश के खिलाफ सिर्फ हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है.
अगर विधानसभा अध्यक्ष भी जेल में बंद विधायक को नहीं बुलाता है, कोर्ट भी विधायक को सदन में जाकर शपथ लेने की अनुमति नहीं देती है तो जेल में बंद विधायक जब निकलेगा तभी शपथ लेगा. बिना शपथ के निर्वाचित विधायक सदन की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले सकता है.
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संतोष शर्मा