राहुल गांधी की रैली में चली लाठियां,कई कार्यकर्ता हुए घायल

राहुल गांधी ने जब 6 सितंबर को देवरिया से कांग्रेस का चुनावी बिगुल फूंका तो शायद ही उनको यह एहसास था कि उनकी किसान यात्रा का अंत कुछ इस तरह होगा.

Advertisement
राहुल गांधी राहुल गांधी

अमित रायकवार / मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST

राहुल गांधी ने जब 6 सितंबर को देवरिया से कांग्रेस का चुनावी बिगुल फूंका तो शायद ही उनको यह एहसास था कि उनकी किसान यात्रा का अंत कुछ इस तरह होगा. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने 24 दिनों में 3438 किलोमीटर का फासला नापा 26 रोड शो और 26 खाट सभाएं की, मंदिर ,मस्जिद, दरगाह, गिरजाघर और गुरुद्वारा सब दरबारों पर दस्तक दी. सोचा के ऊपरवाला कभी तो उनकी झोली भरेगा. मगर किसान यात्रा के आखरी दिन राहुल गांधी के पिछले चार हफ्तों की मेहनत पर पानी फिर गया.

Advertisement

कांग्रेस समर्थक आपस में भिड़े
बुधवार सुबह राहुल की किसान यात्रा कुशल मंगल मेरठ से दिल्ली बढ़ रही थी. शाम को 5 बजे दिल्ली के भैरव मंदिर पर कांग्रेस के समर्थकों का गुट आपस में भिड़ पड़े. दरअसल राहुल की यात्रा के लिए अलग अलग प्रदेशों को अलग अलग स्थान की जिम्मेदारी दी गई है. भैरव मंदिर के बाहर मोर्चा हरियाणा कांग्रेस के जिम्मे था.

कैसे शुरू हुआ झगड़ा ?
दोपहर से ही भैरव मंदिर पर कार्यकर्ताओं की भीड़ आना शुरू हो गई थी. पिछली कई बार की ही तरह प्रदेश अध्यक्ष अशोक तवर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के समर्थक आमने-सामने नारेबाजी करने लगे. दरअसल तंवर और हुडा के समर्थकों का झगड़ा पहले भी सुर्खियां बटोर चुका है. मगर देखते ही देखते नारेबाजी धक्का मुक्की में तब्दील हो गई और दोनों ही पार्टियों के बीच डंडे चलने लगे.

Advertisement

किसने मारी किसको लाठी ?
राहुल गांधी शायद ये तस्वीर देखते तो उनको भी यकीन नहीं होता. विपक्षी पार्टियों के समर्थक तो पहले भी हाथ दो चार करते आए हैं. मगर हुडा और तंवर के समर्थकों के बीच जो लाठियां चली वो देश की सबसे पुरानी सियासी दल के समर्थकों को शोभा नहीं देता. पोस्टर को लेकर शुरू हुई बहस हाथा पाई में बदल गई. दरअसल तंवर के समर्थकों का कहना है की हूडा के लोगों ने उनके नेता का पोस्टर पहाड़ और बदतमीजी भी की.

बड़े नेता तमाशा देखते रहे
हैरत की बात ये हैं कि मौके पर मौजूद विधायक और नेता तमाशबीन बने रहे. ये तमाशा कुछ 15 मिनट चला. बताया जा रहा है की अशोक तंवर समेत दर्जन भर कार्यकर्ताओं को आरएमएल अस्पताल ले जाया गया. मगर घटना के दौरान बैरिकेड के बाहर खड़े हुए भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा से पूछा तो उन्होंने कहा कि उनको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. यह और बात थी कि कांग्रेस के आपसी लड़ाई सड़कों पर आ गई पर कुछ कदम दूर खड़े दीपेंदर हूडा को नजर नहीं आई.

राहुल गांधी हुडा से नाराज
अशोक तंवर को सर पर चोट आई. उन्हें और दूसरे चोटिल कार्यकर्ताओं को इलाज के लिए आरएमएल अस्पताल भेजा दिया गया. जब राहुल भैरव मंदिर पहूंचे तो उनको अशोक तंवर नजर नहीं आए. दरअसल राहुल तक पहले ही ये खबर पहुंच चुकी थी. ऐसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष बस दो मिनट के लिए कार्यकर्ताओं से मिले और चले गए. लाठी लगने से तंवर के सर पर टांके लगे और जांच अभी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी इस घटना से नाराज हैं. सोनिया को भी इस लड़ाई के बारे में बताया गया जिसे सुन कर वो काफी परेशान हुईं.

Advertisement

कांग्रेस दफ्तर में तंवर समर्थकों का धरना
जाहिर है खुले आम जो पार्टी के दो घुटों में झड़प हुई उससे पार्टी के किरकिरी हो रही है. कांग्रेस नेता कमलनाथ, दिग्विविजय, आजाद और मोतीलाल वोरा ने कांग्रेस दफ्तर में इस मसले पर एमरजेंसी मीटिंग ली. वहीं देर रात अशोक तंवर के समर्थक कांग्रेस दफ्तर में धरने पर बैठे रहे. उनकी मांग है कि भुपिंदर हूडा पर कार्रवाई हो. जिस तरह राहुल गांधी के आने से ठीक पहले पार्टी में दो नेताओं के बीच सरे आम तलवारें खिंचीं हैं. उससे पार्टी नहीं चाहती कि विपक्षी दल इस घटना को भुनाने की कोशिश करें इसीलिए मामले को निपटाने की कोशिश जारी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement